उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ एवं जनपद न्यायाधीश मथुरा राजीव भारती के निर्देशानुसार जिला कारागार में प्ली बारगेनिंग के लाभ विषय पर वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया ।
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इस अवसर पर जिला कारागार मथुरा के डिप्टी जेलर संदीप कुमार, शिवानी यादव व बंदीगण उपस्थित रहे। विधिक साक्षरता शिविर को ऑनलाइन संबोधित करते हुए प्राधिकरण की सचिव सोनिका वर्मा ने प्ली बारगेनिंग विषय पर जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय संसद में दंड प्रक्रिया संहिता में संशोधन करके प्ली बारगेनिंग नामक शीर्षक जोड़कर दाण्डिक अभियोजन व पीड़ित पक्ष आपसी सामंजस्य से प्रकरण के निपटारे हेतु न्यायालय के अनुमोदन से एक रास्ता निकालते हैं।
जिसके तहत अभियुक्त द्वारा अपराध की स्वीकृति पर उसे हल्के दंड से दंडित किया जाता है। जो अन्यथा कठोर हो सकता है। उन्होंने बताया कि प्ली बारगेनिंग समझौते का एक तरीका है। इसके तहत अभियुक्त कम से कम सजा के बदले में अपने द्वारा किए गए अपराध को स्वीकार करके और पीड़ित व्यक्ति को हुए नुकसान और मुकदमे के दौरान हुए खर्च की क्षतिपूर्ति कर, कठोर सजा से बच सकता है।
कोरोना संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए सचिव वर्मा द्वारा निर्देशित किया गया कि बंदियों को मास्क के प्रयोग के साथ उचित दूरी पर रखा जाए तथा उनके स्वास्थ्य अनुरूप भोजन व दवा, साफ सफाई इत्यादि की व्यवस्था रहे।
निरीक्षण दौरान डिप्टी जेलर शिवानी यादव द्वारा बताया गया कि आज जिला कारागार मथुरा में कुल 1738 बंदी निरूद्ध हैं। आज प्रातः बंदियों को नाश्ते में चाय, पावरोटी व गुड़ दिया गया। दोपहर के भोजन में रोटी, अरहर की दाल, चावल, आलू पालक की सब्जी तथा रात्रि के भोजन में रोटी, उर्द छिलका की दाल, मूली शलजम की सब्जी की व्यवस्था है। वर्तमान में एक बंदी कोरोना पॉजिटिव है।
ऑनलाइन निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर में उपस्थित बंदियों से वार्ता की गई तथा उनके द्वारा बताई गई समस्या के समाधान हेतु जेल अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।