लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में कोरोना टीके को लेकर दायर की गई जनहित याचिका की सुनवाई अब इलाहाबाद पीठ में होगी। यह याचिका राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी के अध्यक्ष प्रताप चंद्र तथा अन्य लोगों द्वारा कोविड एंटीबॉडी विकसित हो चुके लोगों के लिए कोविड वैक्सीन जरूरी नहीं होने के संबंध में केंद्र सरकार द्वारा स्थिति स्पष्ट करने के लिए दायर की गई है।
याचिका की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में करने का आदेश जस्टिस ऋतुराज अवस्थी और जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की बेंच ने दिया। यह आदेश याचिकाकर्ताओं की अधिवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर और केंद्र सरकार के अधिवक्ता को सुनने के बाद दिया गया।
‘जिनमें पहले से एंटीबॉडी, उन्हें कोविड टीके की जरूरत नहीं’
अधिवक्ता डॉ. नूतन ने अदालत को बताया कि, कई लोगों में कोरोना प्रभावित होने के साल भर बाद तक इसके एंटीबॉडी पाए गए हैं। कोविड वैक्सीन का लक्ष्य कोविड एंटीबॉडी विकसित करना है। ऐसे में जिन लोगों में ये एंटीबॉडी पहले से विकसित हो गई है, उन्हें वर्तमान में कोरोना टीका दिए जाने का कोई औचित्य नहीं दिखता है। क्योंकि अभी यह टीका अपने प्राथमिक स्टेज में है और इसके अंतिम स्वरूप में विकसित होने में समय है।
इस पर कोर्ट ने कहा कि, मुख्य पीठ ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि कोविड संबंधी सभी याचिकाओं की सुनवाई एक साथ इलाहाबाद में पूर्व प्रचलित याचिका के साथ होगी। इसलिए यह याचिका भी इलाहाबाद पीठ में ट्रांसफर किया जा रहा है।