त्योहारी सीजन के बीच कोयले की किल्लत के चलते प्रदेश में बिजली संकट और गहराया गया है। गांवों में भारी बिजली कटौती हो रही है। तहसील मुख्यालयों और बुंदेलखंड को भी तय शिड्यूल से कम आपूर्ति हो रही है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीएम को लिखा पत्र
बिजलीघरों में कोयले का भंडार काफी कम बचा है। बता दें कि कोयले की आपूर्ति जल्द ही ठीक नहीं हुई तो पूरा प्रदेश बिजली संकट की परेशानी से गुजरने वाला है। हालातों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कोयला मंत्री को पत्र भेजकर यूपी को बिजली देने और कोयले की आपूर्ति सामान्य कराने का अनुरोध किया है।
कोयले की कमी से हाल बेहाल
यूपी में बिजली व्यवस्था का दारोमदार राज्य के अपने चार बिजलीघरों के अलावा निजी क्षेत्र के आठ और एनटीपीसी के करीब डेढ़ दर्जन बिजलीघरों से मिलने वाली बिजली पर है। कोयले की कमी से लगभग 6873 मेगावाट क्षमता की इकाइयां या तो बंद हुई हैं या उनके उत्पादन में कमी करनी पड़ी है। इससे प्रदेश में बिजली की उपलब्धता घट गई है।
गांवों में 18 घंटे के बजाए 11 घंटे दी जा रही बिजली
महगी हुई बिजली 21 रुपये पहुंची कीमत
वित्तीय संकट से जूझ रहे पावर कॉर्पोरेशन को अतिरिक्त बिजली का इंतजाम करने में परेशानी हो रही है बिजली संकट पूरे देश में होने के कारण एनर्जी एक्सचेंज में बिजली की कीमत नौ रुपये से 21 रुपये प्रति यूनिट पहुंच चुकी है। इतनी महंगी बिजली खरीदना प्रदेश की बिजली कंपनियों के लिए मुश्किल हो रहा है, इसलिए कटौती शुरू की गई है।
कोयले की परेशानी को जल्द ही किया जायेगा दूर
ऊर्जा विभाग के अधिकारी केंद्रीय कोयला एवं ऊर्जा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के लगातार बातचीत कर रहे हैं, पावर कॉर्पोरेशन को एनर्जी एक्सचेंज समेत और कई स्रोतों से बिजली की सुविधा करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही कहा जा रहा है कि कोयले की परेशानी को जल्द ही दूर किया जायेगा।