UP News: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में सराकरी स्कूलों की व्यवस्थाओं पर कई बार सवाल खड़े किए गए। नई सरकार के गठन के बाद बीजेपी सरकारी स्कूलों का कायाकल्प करने में जुट गई है। सीएम योगी ने श्रावस्ती जिले से राज्य भर में स्कूल चलो अभियान की शुरुआत कर दी है।
बेसिक शिक्षा विभाग के आला अधिकारी रहे मौजूद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रावस्ती में इकौना के जयचंदपुर कटघरा गांव में बेसिक स्कूल से स्कूल चलो अभियान को गति दी। यहां पर मुख्यमंत्री का करीब एक घंटे का कार्यक्रम था।
उनके साथ बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह के साथ बेसिक शिक्षा विभाग के आला अधिकारी भी मौजूद थे। दस बजे प्राथमिक विद्यालय जयचंदपुर कटघरा से उन्होंने प्रदेश व्यापी स्कूल चलो अभियान को फ्लैग आफ किया।
सभी विधायकों को एक-एक स्कूल गोद लेने के दिए निर्देश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विधायकों को एक-एक स्कूल गोद लेने के निर्देश भी दिए हैं। अभियान के तहत स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती भी सुनिश्चित की जाएगी, साथ ही छात्रों को यूनिफॉर्म और जूते-मोजे भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
जनपद श्रावस्ती से ‘स्कूल चलो अभियान’ की शुरुआत करते #UPCM श्री @myogiadityanath जी#शिक्षित_यूपी_विकसित_यूपी https://t.co/QN7wB9UJNI
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) April 4, 2022
वहीं, शौचालय, पेयजल, पर्याप्त फर्नीचर और स्मार्ट क्लास जैसी बुनियादी सुविधाओं की उपलब्ध सुनिश्चित की जाएगी। स्कूल चलो अभियान का लक्ष्य उत्तर प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 100 फीसदी नामांकन सुनिश्चित करना है।
सभी शिक्षकों से किया आग्रह
मुख्यमंत्री योगी ने इस अवसर पर कहा कि मेरा सभी शिक्षकों से आग्रह है कि अगले एक महीने में चलने वाले इस अभियान में घर-घर जाकर दस्तक दीजिए और पूछिए कोई बच्चा ऐसा तो नहीं है जो स्कूल जाने से वंचित रह गया हो।
उस बच्चे को स्कूल ले जाना, स्कूल में उसका रजिस्ट्रेशन कराना, उसे यूनिफॉर्म, किताबें, बैग आदि सुविधाएं उपलब्ध कराएं। अगर इनको सारी सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी तो बच्चे दौड़ कर स्कूल पहुंचेंगे और हमारा अभियान भी पटरी पर आएगा।
ये भी पढ़ें :-
UP News: प्रतापगढ़ में तहसील कर्मचारी की मौत पर CM योगी का एक्शन, SDM को किया निलंबित
अभियान की शुरुआत के लिए श्रावस्ती को चुनने का कारण
सरकार ने भी स्कूल चलो अभियान के लिए श्रावस्ती का चयन इसी कारण से किया है, क्योंकि यहां पर सबसे कम साक्षरता दर है। श्रावस्ती के बाद बहराइच, बलरामपुर, बदायूं और रामपुर का नंबर है।