योगी सरकार ने वर्ष 1987 बैच की आईएएस अधिकारी रेणुका कुमार को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दे दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी के बाद नियुक्ति विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
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हालांकि वर्ष 2003 बैच के आईएएस अधिकारी विकास गोठलवाल का वीआरएस फंसता हुआ नजर आ रहा है। वर्ष 1987 बैच की आईएएस अधिकारी रेणुका कुमार योगी सरकार-एक में उत्तर प्रदेश में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहीं। राजस्व और बेसिक शिक्षा विभाग में उनके द्वारा बेहतर काम किया गया। उन्हें मुख्यमंत्री के विश्वासपात्र अफसरों में माना जाता रहा। वह केंद्रीय प्रतिनियुक्त पर केंद्र सरकार चली गई थीं। अचानक उन्हें कार्यमुक्त करते हुए यूपी वापस भेज दिया गया। उन्होंने यूपी में ज्वाइंनिंग न देकर वीआरएस मांग लिया। वह वर्ष 2023 में सेवानिवृत्त होने वाली थीं। इससे पहले वरिष्ठ आईएएस अफसर जूथिक पाटणकर का वीआरएस मंजूर हो चुका है।
वर्ष 2003 बैच के आईएएस अफसर विकास गोठलवाल भी वीआरएस मांग चुके हैं। वह 13 सितंबर 2021 से 1 सितंबर 2022 तक शैक्षिक अवकाश पर गए थे। सूत्रों का कहना है कि इस दौरान उन्हें हुए वेतन भुगतान को लेकर पेंच फंस गया है। इसके चलते अभी तक उनका वीआरएस मंजूर नहीं हुआ है। इसको लेकर पत्राचार हो रहा है। बताया जा रहा है कि इसको लेकर स्थिति साफ होने के बाद ही उनका वीआरएस मंजूर होगा, ये भी हो सकता है कि वे इसे वापस ले लें।
आपको बता दें कि साल के अंत यारी दिसंबर में आईएएस अफसरों को पदोन्नति देने के लिए डीपीसी होगी। इसमें प्रमुख सचिव से अपर मुख्य सचिव, सचिव से प्रमुख सचिव और विशेष सचिव से सचिव के पद पर पदोन्नतियां दी जाएंगी। इसमें सबसे अधिक विशेष सचिव से सचिव स्तर पर अफसरों को पदोन्नति दी जाएगी।