फतेहपुर: अपने स्वार्थ में नाली, सड़क कब्जाने के बाद लोगों ने शहर को अतिक्रमण से भर दिया है। शहर में जलभराव होने का यह भी एक कारण है। भारत खबर ने शहर में जलभराव को लेकर प्रमुखता से समाचार चलाया था। इसी को लेकर नगर पालिका ने अभियान चलाया, लेकिन स्थानीय लोगों ने विरोध किया तो मामला बिगड़ गया। हालांकि, बाद में जिला प्रशासन ने शनिवार को बल प्रयोग करते हुए जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया।
उप जिलाधिकारी सदर प्रमोद झा के निर्देशन पर नासिरपुर मोहल्ला में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया। यहां पर नायब तहसीलदार विकास पाण्डेय सहित नगर पालिका के अधिकारी और कर्मचारी सहित पुलिस बल मौजूद रहा। यहां पर दिनेश नाम के भवन स्वामी ने नाली के ऊपर अतिक्रमण करते हुए रैंप बनाया और फिर नाली को ऐसा बना दिया, जिससे लोगों के घरों का और सड़क का पानी निकलना बंद हो गया। दो दिन पहले हुई बारिश ने नासिरपीर मोहल्ले को पानी से भर दिया। यहां से निकलने वाला पानी अतिक्रमण के कारण जाम हो गया और भारी जलभराव हो गया।
अतिक्रमण को कराया खाली
ऐसे में नगर पालिका और जिला प्रशासन ने अतिक्रमण करने वाले भाग को ध्वस्त करते हुए जलभराव को दूर किया। इसके साथ ही सदर तहसील में आने वाले मोहनखेड़ा की रहने वाली अनीसा पत्नी इसुअक ने गाटा संख्या 1009/0.384 पर कई वर्षों से कब्जा जमाया था। यह जमीन राजकीय संस्थान के नाम से दर्ज है। साथ ही इसके एक भाग में राजकीय बीज का वेयर हाउस भी बना हुआ है, लेकिन इस महिला ने अवैध अतिक्रमण करते हुए जमीन में कच्चा निर्माण करा लिया।
इसे लगातार नोटिस भी दी जाती रही है, लेकिन महिला ने ना तो अवैध निर्माण ध्वस्त किया और न ही नोटिस का जवाब दिया। ऐसे में जिला प्रशासन की ओर से नायाब तहसीलदार विकास पाण्डेय ने राजस्व निरीक्षक आशीष पटेल और राजस्व लेखपाल राकेश तिवारी, अब्बास, प्रमोद श्रीवास्तव के साथ अवैध निर्माण को जेसीबी से ध्वस्त करा दिया। इस दौरान किसी भी स्थिति से निपटने के लिए भारी पुलिस बल तैनात रहा।