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UP MLC Election 2022: यूपी में 36 सीटों पर विधान परिषद चुनाव, आइये जानें कैसे चुना जाता है विधान परिषद सदस्य

a76b375c 2c58 11ec a2ce f0c64477ba97 1634152420726 UP MLC Election 2022: यूपी में 36 सीटों पर विधान परिषद चुनाव, आइये जानें कैसे चुना जाता है विधान परिषद सदस्य

UP MLC Election 2022: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों के बाद अब विधान परिषद में बहुमत की लड़ाई तेज होगी। चुनावी नतीजे आने के बाद अब उच्च सदन यानी विधान परिषद चुनाव के लिए सियासी दलों ने लामबंदी शुरू कर दी है।

36 सीटों पर होने वाले विधान परिषद चुनावों के लिए 15 मार्च से नामांकन शुरू होगा। आइए जानते हैं विधान परिषद सदस्य यानी एमएलसी का चुनाव कैसे होता है और इस चुनाव की निर्वाचन प्रक्रिया क्या है..

देश के छह राज्यों में ही विधान परिषद
अभी देश के छह राज्यों में ही विधान परिषद हैं। उत्तर प्रदेश विधान परिषद में 100 सीटें हैं। इसके अलावा बिहार, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में भी विधान परिषद अस्तित्व में है। विधान परिषद में एक निश्चित संख्या तक सदस्य होते हैं। विधानसभा के एक तिहाई से ज्यादा सदस्य विधान परिषद में नहीं होने चाहिए।

मसलन यूपी में 403 विधानसभा सदस्य हैं। यानी यूपी विधान परिषद में 134 से ज्यादा सदस्य नहीं हो सकते हैं। इसके अलावा विधान परिषद में कम से कम 40 सदस्य होना जरूरी है। एमएलसी का दर्जा विधायक के ही समकक्ष होता है।

विधान परिषद के सदस्यों की कैसे होती है नियुक्ति
विधान परिषद के सदस्य का कार्यकाल छह साल के लिए होता है। चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम 30 साल उम्र होनी चाहिए। एक तिहाई सदस्यों को विधायक चुनते हैं। इसके अलावा एक तिहाई सदस्यों को नगर निगम, नगरपालिका, जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत के सदस्य चुनते हैं।

विधान परिषद का कार्य
विधान परिषद में उन सभी विषय के संबंध में साधारण बिल पेश किया जा सकता है जिन का संबंध राज्य सूची और समवर्ती सूची में किया गया, परंतु इस बिल को तब तक राज्यपाल के पास नहीं भेजा जा सकता जब तक विधान सभा पास ना करे। अर्थात विधान सभा की मंजूरी के बिना कोई काम नहीं बन सकता।

चुने जाएंगे 36 एमएलसी
प्रदेश में स्थानीय निकाय कोटे की विधान परिषद की 35 सीटें हैं। इसमें मथुरा-एटा-मैनपुरी सीट से दो प्रतिनिधि चुने जाते हैं इसलिए 35 सीटों पर 36 सदस्यों का चयन होता है।

इन चुनावों में ये होते हैं वोटर
इस बार 7 मार्च को कार्यकाल खत्म होने के चलते चुनाव आयोग ने विधानसभा के बीच में ही इसकी घोषणा कर दी थी। बाद में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर परिषद के चुनावों को टाल दिया गया। स्थानीय निकाय की सीटों पर सांसद, विधायक, नगरीय निकायों, कैंट बोर्ड के निर्वाचित सदस्य, जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायतों के सदस्य, ग्राम प्रधान वोटर होते हैं।

2016 में सपा 31 सीटें जीती
2016 में अखिलेश यादव के सीएम रहते चुनाव हुए तो सपा 31 सीटें जीत गई। इसमें 8 सीटों पर निर्विरोध जीत भी शामिल थी जबकि पहले सपा केवल एक सीट जीती थी।

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