लखनऊ। उत्तर प्रदेश से सपा की सत्ता जाने के बाबजूद आजम के तीखे बोल है कि मीठे होने का नाम नहीं ले रहे हैं। सत्ता हाथ से बेशक जा चुकी है लेकिन रसूक अब तक नहीं गया है। किसी ना किसी बहाने आजम खाम सुर्खियों में बना रहता है। ताजा घटनाक्रम में आजम का नाम इसलिए सामने आ रहा है क्योंकि प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक उनके खिलाफ कार्रवाई करने के मूड में नजर आ रहे हैं।
राजभवन से जुड़े सूत्रों की माने तो राज्यपाल ने आजम खां के खिलाफ सरकारी व वक्फ बोर्ड की संपत्ति के दुरुपयोग के मामले में 14 बिंदुओं के आधार पर मुख्यमंत्री से कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की है। आजम पर आरोप है कि प्रदेश के कबीना मंत्री रहते उन्होंने सरकारी भवनों और वक्फ की संपत्तियों पर अवैध कब्जा किया। उन पर यह भी आरोप है कि उन्होंने रामपुर स्थित अपने निजी जौहर विश्वविद्यालय में सरकारी गेस्ट हाउस बनवाया है और उसमें स्पोर्ट्स स्टेडियम का सामान उठा ले गये हैं।
इसके अलावा आजम पर सरकारी खजाने के दुरुपयोग के भी आरोप लगे हैं। सेंट्रल वक्फ काउंसिल (सीडब्ल्यूसी) ने भी आजम के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए थे। रामपुर से विधायक आजम खां सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बेहद करीबी है। वह मुलायम और अखिलेश दोनों की कैबिनेट में मंत्री भी रह चुके हैं।