प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020’ अब कानून बन गया है। इस धर्मांतरण अध्यादेश को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपनी मंजूरी दे दी है।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दी मंजूरी
प्रदेश में ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020’ अब कानून के रूप में लागू हो गया है। राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश सरकार ने नए कानून का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। इस अध्यादेश को विधानसभा और विधान परिषद से पारित कराने के बाद राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था।
वहीं, राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय में हलफनामा दाखिल किया है। सरकार ने बताया कि, धर्मांतरण अध्यादेश को चार मार्च को राजभवन से मंजूरी मिल चुकी है। इसके बाद पांच मार्च को गजट नोटिफिकेशन भी जारी हो चुकी है। इसकी पुष्टि सरकार के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने भी की है।
अध्यादेश के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई टली
उधर, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धर्मांतरण अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई को 6 अप्रैल तक के लिए टाल दिया है। अदालत ने याचिकाकर्ताओं को एक्ट चैलेंज करने की छूट दी है, जिसके लिए 6 अप्रैल की तारीख तय की गई है। गौरतलब है कि प्रदेश में लव जिहाद के मामलों को रोकने के लिए बीते साल धर्मांतरण अध्यादेश लाया गया था। बीते साल 24 नवंबर को राज्य सरकार ने इस अध्यादेश मंजूर किया था।