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योगी सरकार को DBT पर भरोसा, बिचौलियों का खेल खत्‍म कर सीधे लाभार्थियों को भेजा पैसा

योगी सरकार को DBT पर भरोसा, बिचौलियों का खेल खत्‍म कर सीधे लाभार्थियों को भेजा पैसा

लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश की योगी सरकार ने डीबीटी (डायरेक्‍ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्‍यम से वित्‍तीय वर्ष 2020-21 में लाभार्थियों को 56 हजार करोड़ रुपए भेजे हैं। डीबीटी आज देश और प्रदेश में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है।

बीते विधानसभा बजट सत्र में प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने डीबीटी   का जिक्र करते हुए बताया कि, सूबे की योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में 56,000 करोड़ से अधिक धनराशि डीबीटी के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खाते में भेजी है। यानी डीबीटी से पारदर्शी भुगतान तो हुआ ही, साथ ही बिचौलिए का खेल भी खत्म हो गया।

प्रदेश सरकार ने सात योजनाओं में बचाए 4402.05 करोड़  

सत्ता में आने के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र द्वारा शुरू की गई डीबीटी योजना के माध्‍यम से लाभार्थियों के खातों में धनराशि भेजने को वरीयता दी। यहीं नहीं उनकी ही पहल पर राज्य में 27 विभागों की 136 योजनाओं को ऑन बोर्ड किया गया और डीबीटी के जरिए 136 योजनाओं के लाभार्थियों के खाते में पैसा भेजा गया। नियोजन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश सरकार ने केंद्र एवं राज्य सरकार की सात योजनाओं में डीबीटी के माध्‍यम से 4402.05 करोड़ रुपए बचाए हैं, जो प्रदेश सरकार की बड़ी उपलब्धि है।

डीबीटी योजना ने सूबे में हो रहे भ्रष्टाचार पर तो अंकुश लगाया ही है, यह किसान, मजदूर, श्रमिक, छात्र और पेंशनर्स के लिए भी वरदान साबित हो रही है। बीते साल कोरोना लॉकडाउन के समय जब लोग घरों में थे, तब सीएम योगी ने डीबीटी के माध्‍यम से ही लाखों किसानों, मनरेगा श्रमिकों, अन्य राज्यों से आए मजदूरों, महिलाओं छात्र और पेंशनर्स के खातों में आर्थिक सहायता भेजी। मुख्यमंत्री की इस कोशिश में प्रधानमंत्री द्वारा खोले गए जन-धन खाते मददगार बने।

प्रदेश सरकार ने इन योजनाओं में की बचत  

सरकार ने जनधन खातों और डीबीटी की मदद से गैस सिलेंडर पर दी जाने सब्सिडी में 2806.10 करोड़ रुपए, राशन कार्ड में 1412 करोड़ रुपए, विधवा पेंशन योजना में 162.58 करोड़ रुपए, वृद्धा पेंशन योजना में 16.69 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में 1.55 लाख रुपये, निक्षय पोषण योजना में 1.92 लाख रुपये और दिव्यांग पेंशन योजना में 4.63 करोड़ रुपए बचाए हैं। नियोजन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जनधन खाता, आधार और मोबाइल नंबर के जरिए पैसे भेजने से 4402.05 करोड़ रुपए बिचौलियों के हाथों में जाने से बच गए।

अधिकारी बताते हैं कि योगी सरकार के अब तक के कार्यकाल में किसानों के खातों में डीबीटी के जरिए अलग-अलग योजनाओं में कुल 2.53 लाख करोड़ रुपए भेजे गए हैं। सत्ता में आने के तुरंत बाद राज्य में 86 लाख लघु-सीमांत किसानों के एक लाख रुपए का कर्ज माफ किया और उन सबके खाते में 36,000 करोड़ रुपए का भुगतान डीबीटी के माध्‍यम से किया गया।

एमएसपी और गन्‍ना भुगतान

वहीं, एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर सरकार अब तक 64 हजार करोड़ रुपए का भुगतान कर चुकी है। इसी तरह गन्ना किसानों के खाते में 1.22 लाख करोड़, पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 2.42 करोड़ किसानों के खाते में अब तक 27,101 करोड़ रुपए भेजे जा चुके हैं। इसके अलावा गेहूं, धान, मक्का और दलहन की सरकारी खरीद में किसानों डीबीटी के जरिए ही भुगतान किया गया।

इसी तरह मनरेगा में सरकार ने न सिर्फ रिकॉर्ड मानव दिवस सृजित किए बल्कि डीबीटी के माध्‍यम से रिकॉर्ड भुगतान भी किया। ग्राम्य विकास विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार, बीते पांच मार्च तक 1,14,52,146 श्रमिकों को रोजगार दिया गया। इस दौरान 37,3,492 लाख मानव दिवस सृजित किए गए और 7669.34 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। वहीं, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत कार्यरत महिला समूहों एवं उनके संगठनों के खातों में डीबीटी के माध्‍यम से मुख्यमंत्री ने बीते 18 दिसंबर को 445.92 करोड़ रुपए भेजे।

इन्‍हें भी डीबीटी के जरिए हुआ भुगतान

यही नहीं, प्रदेश सरकार ने बीते चार वर्षों में ओबीसी छात्रों को छात्रवृत्ति के रूप में 1625.47 करोड़ रुपये, निराश्रित महिला पेंशन के लाभार्थियों के खाते में 21 जनवरी तक 27.95 लाख रुपए, कन्या सुमंगला योजना के तहत 6,13,956 परिवारों को 112.22 करोड़ रुपए की मदद भेजी गई है। फिलहाल, उत्‍तर प्रदेश में छह करोड़ से अधिक जनधन खाते, 16 करोड़ से अधिक आधार कार्ड से डीबीटी को धरातल पर उतारने में आसानी मिली है। वहीं, इसके माध्‍यम से सरकार की योजनाओं से पैसा पाने वाले किसान, मजदूर और पेंशनर्स खुश हैं।

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