लखनऊ। प्रदेश की सत्ता पर नई सरकार आने के बाद कई खास लोगों की सुरक्षा में बदलाव किया गया है। एक तरफ भाजपा के विधायकों की सुरक्षा दिनों-दिन बढ़ाई जा रही है तो दूसरी तरफ सत्ता से बाहर जा चुकी सरकार के नेताओं की सुरक्षा में लगातार कटौरी जा रही है। पिछली सरकार में जेड सुरक्षा प्राप्त मंत्री आजम खान की सुरक्षा को घटाकर वाई श्रेणी का कर दिया गया है। साथ ही बीजेपी सांसद विनय कटियार की सुरक्षा को जेड श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है।
सुरक्षा समिति की बैठक में फैसला
गत दिनों योगी सरकार की सुरक्षा समिति की बैठक में नेताओं की सुरक्षा पर बड़ा फैसला लेते हुए यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार में विधायक रहे कई लोगों की सुरक्षा को भी खत्म कर दिया गया है। पूर्व सीएम अखिलेश यादव के चाचा और कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव, व सपा सांसद डिंपल यादव की सुरक्षा को भी जेड से घटाकर वाई श्रेणी में तब्दील कर दिया गया है।
अखिलेश की सुरक्षा में नहीं बदलाव
अखिलेश के मंत्रियों की सुरक्षा में बेशक से तब्दीली कर दी गई हो लेकिन पूर्व सीएम अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती की सुरक्षा में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इतना ही नहीं सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव को भी जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा में ही रखा गया है।
कैसे होती है समीक्षा
बता दें कि किसी भी राजनीतिक या फिर वीआईपी लोगों को सुरक्षा देने का फैसला उस पर होने वाले खतरे के मद्देनजर लिया जाता है।
किसी वीआईपी को खतरा होने पर सुरक्षा उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी होती है। कोई भी वीआईपी जब ज्यादा सुरक्षा की मांग करता है तो सुरक्षा कंपनियों द्वारा इसकी जांच की जाती है। जांच के बाद ही सुरक्षा का फैसला लिया जाता है।
क्या है दायर
आपको ये बात भी जानना जरूरी है कि जिस VIP को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिलती है उसके साथ 36 सुरक्षाकर्मी और 10 एनएसजी कमांडो हर समय तैनात रहते हैं। इसके अलावा जेड श्रेणी की सुरक्षा में 22 सुरक्षाकर्मी और 5 एनएसजी कमांडो की तैनाती की जाती है।
आशु दास