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यूपी: किसानों ने आंदोलन की बनाई रणनीति, बीजेपी व सहयोगी दलों का होगा विरोध

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लखनऊ। किसान आंदोलन को आठ महीने से ज्यादा का वक्त हो गया है। अब किसानों ने यूपी में आंदोलन को और विस्तार देने की रणनीति बनाई है। इसके तहत सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत और स्वराज आंदोलन के मुखिया योगेंद्र यादव ने प्रेस कांफ्रेंस कर इसकी जानकारी दी।

राकेश टिकैत ने साफ कहा कि किसानों के इस आंदोलन को तब तक जारी रखा जाएगा जब तक की उनकी मांगों को नहीं मान लिया जाता है। उन्होंने कहा कि पूरे यूपी में भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों के खिलाफ बहिष्कार का ऐलान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई राजनैतिक नहीं है लेकिन बीजेपी ने जितना नुकसान किसानों को पहुंचाया है, उतना किसी भी दल ने नहीं किया है।

राकेश टिकैत ने कहा कि हमारे आंदोलन को आठ महीने का वक्त हो गया है। इन आठ महीनों में दुनिया भर के लोगों ने हमारा साथ दिया है। हमने प्रण लिया है कि जब तक तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता है तब तक यह आंदोलन चलता रहेगा। टिकैत ने कृषि कानूनों को काला कानून संबोधित करते हुए कहा कि आंदोलन को मजबूत करने के लिए मिशन यूपी और उत्तराखंड का अभियान चलाया जाएगा।

मायावती-अखिलेश सरकार की तारीफ

राकेश टिकैत ने कहा कि बीजेपी की योगी सरकार में भी किसानों का खूब उत्पीड़न हुआ है। इसके पहले जब यूपी में मायावती के नेतृत्व वाली बसपा की सरकार थी तो हमारे आंदोलन के बाद प्रति 100 किलो के ऊपर 80 रूपए दाम बढ़ाए गए थे। उसके बाद अखिलेश सरकार में भी करीब 50 रूपए की बढ़ोत्तरी की गई थी। योगी की सरकार को राकेश टिकैत ने किसान विरोधी करार दिया है।

पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में किसान पंचायत से खोलेंगे मोर्चा

मिशन यूपी के तहत किसानों को जागरूक किया जाएगा। इसके लिए पूरे प्रदेश में किसान पंचायतें की जाएंगी। इसकी शुरूआत पांच सितंबर से मुजफ्फरनगर से होगी। इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। आगे की रणनीतियां भी तैयार की जा रहीं हैं।

दिल्ली में जैसे घेरा, वैसे ही लखनऊ में भी घेरेंगे

टिकैत ने यूपी की योगी सरकार को चेताते हुए कहा कि गन्ना किसानों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इसका खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि किसानों के हित को देखते हुए जैसे हमने दिल्ली को घेरा हुआ है वैसे ही अब लखनऊ भी कूच करेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों के हितों से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।

एमएसएपी के नाम पर खेल कर रही सरकार

योगेंद्र यादव ने कहा कि यूपी की सरकार ने एमएसपी के बराबर कहीं पर भी मूल्य नहीं दिया है। सरकार लगातार कहती है कि वह एमएसपी पर खरीद कर रही है लेकिन यह सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यूपी में इस साल 310 लाख टन गेहूं की पैदावार हुई है। हकीकत यह है कि यूपी की योगी सरकार ने इस पैदावार का एक चौथाई हिस्सा भी किसानों से नहीं खरीदा है। उन्होंने आंकड़े बताते हुए कहा कि पूरे यूपी में 20 जुलाई तक सिर्फ 56 हजार टन गेहूं की खरीदारी की गई है। उसमें भी कई जगहों पर किसानों को सही मूल्य नहीं मिला है।

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