अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में मैनपुरी की करहल सीट से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
यह भी पढ़े
एलजी अनिल बैजल ने ठुकराया सीएम केजरीवाल का प्रस्ताव, दिल्ली में जारी रहेगा वीकेंड कर्फ़्यू
करहल सीट है परंपरागत सीट !
करहल सीट की बात करें तो इस सीट को सपा की परंपरागत सीट कहा जा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यहां से पार्टी पिछले छह में से पांच चुनाव जीत चुकी है। लगातार तीन बार से सपा के टिकट पर सोबरन सिंह यादव करहल सीट से जीतते आए हैं । इस सीट को यादव बहुल माना जाता है। पिछला चुनाव सपा के सोबरन ने यहां से करीब 40 हजार मतों के बड़े अंतर से जीता था।
अखिलेश ने की थी घोषणा नहीं लड़ेगें चुनाव
पिछले साल नवंबर में अखिलेश यादव ने घोषणा की थी कि वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगे। 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करते समय विधान परिषद के सदस्य रहे सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने अपने इस निर्णय के पीछे का कोई कारण नहीं बताया था। हालांकि उन्होंने ये जरूर कहा था कि उनके चुनाव लड़ने पर अंतिम फैसला पार्टी करेगी।
सीट को लेकर तरह – तरह से लगाए गए कयास
जब से अखिलेश यादव ने 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ने का एलान किया है । तब से उनकी सीट को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। सबसे पहले जिस सीट का नाम चर्चा में आया था वो थी आजमगढ़ की गोपालपुर सीट। लेकिन इसके अलावा भी कुछ सीटे हैं जंहा से अखिलेश के लड़ने की चर्चा चल रही है । उनमें है संभल की गुन्नौर सीट, मैनपुरी सदर सीट और मैनपुरी की ही करहल सीट।
करहल विधानसभा सीट का अब तक इतिहास
1993 विधानसभा चुनाव – बाबूराम यादव (सपा)
1996 विधानसभा चुनाव -बाबूराम यादव (सपा)
2000 विधानसभा उप चुनाव – अनिल यादव (सपा)
2007 विधानसभा चुनाव -सोवरन सिंह यादव (सपा)
2012 विधानसभा चुनाव – सोवरन सिंह यादव (सपा)
करहल सीट का चुनावी समीकरण
1) पिछले 6 चुनाव – 5 बार SP और 1 बार BJP जीती
2) पिछले 3 चुनावों से SP लगातार जीत रही है
3) मैनपुरी जिला समाजवादी पार्टी का गढ़ है
4) मैनपुरी लोकसभा सीट – 1996 से SP का कब्जा है
5) मैनपुरी जिले में विधानसभा की 4 सीटें है
6) 2017: 3 SP और 1 BJP जीती
7) 2012: सभी 4 सीट SP जीती
8 ) मैनपुरी जिला मुलायम सिंह की सियासी कर्मस्थली है
ऐसा माना जा रहा है की अखिलेश यादव के लिए करहल सबसे सुरक्षित सीट है !