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यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा का दावा-‘महाभारत काल से हो रही है पत्रकारिता’, गूगल से की नारद की तुलना

dinesh sharma यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा का दावा-‘महाभारत काल से हो रही है पत्रकारिता’, गूगल से की नारद की तुलना

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री नारद मुनी की तुलना गूगल से करने के बाद सुर्खियों में आ गए हैं। कुछ दिन पहले ही त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देव भी महाभारत काल में इंटरनेट और सैटेलाइट का दावा करके चर्चाओं में आ गए थे। डिप्टी सीएम का दावा है कि पत्रकारिता की शुरूआत वर्मान में नहीं बल्कि महाभारत के समय से हो गई ती। हिंदी पत्रकारिता दिवस के मौके पर बुधवार(30 मई) को उन्होंने कहा कि महाभारत के समय संजय धृतराष्ट्र के लिए लाइव टेलिकास्ट किया करते थे। इतना ही नहीं, उन्होंने नारद की तुलना गूगल से भी की।

 

dinesh sharma यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा का दावा-‘महाभारत काल से हो रही है पत्रकारिता’, गूगल से की नारद की तुलना

 

न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक उपमुख्यमंत्री का दावा है कि पत्रकारिता की शुरूआत महाभारत काल में ही हो गई थी। उन्होंने कहा कि पौराणिक पात्रों ‘संजय’ और ‘नारद’ को वर्तमान समय में सीधे प्रसारण और गूगल से जोड़कर देखा जा सकता है। ‘हिंदी पत्रकारिता दिवस’ पर बुधवार को आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए शर्मा ने 1826 में पत्रकारिता शुरु होने के दावों समेत अन्य तथ्यों को एक तरफ रखते हुए कहा कि भारत में तो पत्रकारिता सदियों पूर्व महाभारत के काल में ही शुरु हो गई थी।

 

 

इसके साथ उन्होंने यह भी कहा, “इतना ही नहीं मोतियाबिंद का ऑपरेशन, प्लास्टिक सर्जरी, गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत, परमाणु परीक्षण और इंटरनेट जैसी तमाम आधुनिक प्रक्रियाएं पौराणिक काल में शुरू हुई थीं।” दिनेश शर्मा ने आगे कहा, “महाभारत काल में युद्ध के दौरान संजय के माध्यम से धृतराष्ट्र को महल में बैठे-बैठे युद्ध के मैदान का आंखों देखा हाल सुनाया जाता था। यह आज के समय टीवी पर होने वाला लाइव टेलीकास्ट नहीं है तो और क्या है?

 

 

दिनेश सर्मा ने कहा कि आज जिस गूगल को आप लोग हर विषय के जानकार के रूप में जानते हैं, महाभारत काल में एक विशेष चरित्र हुआ करता थे ‘नारद’ मुनि जो कभी भी, कहीं भी पहुंच जाते थे और हर समस्या का निदान सुझा देते थे। वह भी केवल तीन बार नारायण-नारायण बोलकर। पल भर में कोई भी संदेश कहीं भी पहुंचा देते थे।” उन्होंने कहा, हमें अपने गौरवशाली अतीत को कभी नहीं भूलना चाहिए।

 

 

शर्मा ने देश में प्रेस की आजादी की सराहना की और कहा कि सरकारों को मीडिया के लोगों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होना चाहिए। बीते एक साल में जनपद के पांच पत्रकारों की असमय मृत्यु हो जाने से उनके परिजनों को मुख्यमंत्री के विवेकाधीन कोष से आर्थिक मदद दिलाए जाने के सवाल पर भी शर्मा ने भरोसा दिलाने का प्रयास किया। साथ ही कहा, अगर उनके आश्रितों के बारे में पूरी जानकारी देते हुए मांगपत्र दिया जाए तो वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर इस संबंध में हरसंभव सहायता उपलब्ध कराएंगे।

 

 

गौरतलब है कि पिछले दिनों त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देव ने दावा करते हुए कहा था, “ये देश वो देश है, जहां महाभारत में संजय ने बैठकर धृतराष्ट्र को युद्ध में क्या हो रहा था, बता रहे थे। इसका मतलब क्या है? उस जमाने में टेक्नोलॉजी थी, इंटरनेट था, सैटेलाइट थी, संजय के आंख से कैसे देख सकता है वो।” त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने कहा था कि पश्चिम देशों ने नहीं, बल्कि भारत ने इंटरनेट का आविष्कार किया है।”

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