निजामुद्दीन शेख, संवाददाता
उत्तर भारत के प्रसिद्ध तीर्थ है मां पूर्णागिरि मेले का शनिवार से विधिवत आगाज हो गया।
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कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत द्वारा टनकपुर के ठूलीगाड़ पहुंच मेले का रिबन काट व पूजा अर्चना के साथ शुभारंभ किया गया। मेला 19मार्च से 15जून तक तीन माह की अवधि तक संचालित होगा।
मेला उद्घाटन के अवसर पर कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के साथ जिलाधिकारी चम्पावत विनीत तोमर,एसपी देवेंद्र पींचा मेला मजिस्ट्रेट हिमांशु कफलटिया, जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति राय सहित अन्य अधिकारी व मंदिर समिति के पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
इस अवसर पर पूर्णागिरि मंदिर समिति के द्वारा कुमाऊं कमिश्नर सहित अन्य अधिकारियों को स्मृति चिन्ह दे सम्मानित भी किया गया। वही मेला उद्घाटन के अवसर पर कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि मां पूर्णागिरि ने इस बार उन्हें अपने दरबार में बुलाया है।
आज से उत्तर भारत के प्रसिद्ध तीर्थ मां पूर्णागिरि का विधिवत उद्घाटन हो गया है। तीर्थ यात्रियों के लिए समुचित व्यवस्था हो इसके लिए स्थानीय प्रशासन व मंदिर समिति द्वारा व्यवस्थाएं की गई है। वही उन्होंने मेले में एक अधिकारी की विशेष तौर से इसलिए तैनाती की बात कही जो सिर्फ मेला अवधि में आने वाले मेलार्थियों से मेले की बेहतरी हेतु सुझाव लेगा। श्रद्धालुओं के सुझाव की समीक्षा कर आने वाले मेले को ओर बेहतर किया जाएगा। वही कुमाऊं कमिश्नर ने मेले में आने वाले श्रद्धालुओं से भी मेले को स्वच्छ बनाने व मेले में लाने वाले श्रद्धालुओं से प्रदूषण फैलाने वाली सामग्री को वापस ले जाकर नष्ट करने की बात कही।
वही मीडिया से रूबरू होते हुए कुमाऊं कमिश्नर ने कहा की पूर्णागिरी मेले का आज से आगाज हो गया है। मेले की भव्यता लगातार बढ़ती जा रही है। इसलिए प्रशासन व मेला समिति आपसी सामंजस्य से बेहतर मेला व्यवस्थाओं को स्थापित करे। ताकि लाखांे की संख्या में अगले तीन माह की मेला अवधि में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सके। इसके साथ ही कमिश्नर रावत ने मेला समिति से मेले को राजकीय किए जाने के प्रस्ताव को भेजने की बात कही ताकि शासन से आस्था के केंद्र पूर्णागिरी मेले को सरकार माध्यम से राजकीय किया जा सके।