लखनऊ: कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने केंद्र सरकार द्वारा गन्ना मूल्य में पांच रूपये प्रति कुंतल की मूल्य बढोत्तरी कर 290 रूपये किये जाने को किसानों के साथ धोखा करार देते हुए कहा कि यह बहुत कम है और भाजपा सरकार द्वारा किया गया एक धोखा है। उन्होंने कहा, मंहगाई के इस दौर में डीजल, बिजली दर और खाद की महंगाई से कृषि लागत की सभी वस्तुओं के दाम आसमान छू चुके हैं तो यह बढोत्तरी जले पर नमक के बराबर है। यह सरकार अन्नदाताओं की पीड़ा और बेबसी को समझना ही नहीं चाहती है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि योगी सरकार 2017 के विधानसभा चुनाव में 400 रूपये कुंतल गन्ना खरीदने का वादा करके सत्ता में आई थी। लेकिन साढ़े चार वर्ष बीत जाने के बाद 10-15-20 रूपये तीन श्रेणी में (प्रथम, द्वितीय और तृतीय) बढ़ाया। जो कि 310 रूपया, 315 रूपया और 325 रूपया मात्र ही गन्ना किसानों को मिलता है। इसके विपरित कांग्रेस शासित राज्य पंजाब सरकार ने 360 रूपये में किसानों से गन्ना खरीदने का फैसला किया है। प्रदेश के किसानों के लिए गन्ना का मूल्य इतना कम होना, किसानों के घाटे का कारण है।
अजय लल्लू ने कहा, ‘पिछले साढ़े चार वर्ष में कृषि लागत मूल्य दोगुने से ज्यादा बढ़ा है, उदाहरण स्वरूप खेत की तैयारी से लेकर, फसल तैयार होने से लेकर ढुलाई, बुवाई हो, निराई हो, सिंचाई हो, सारे काम कृषि उपकरण से होते हैं और यह उपकरण डीजल या बिजली से चलता हैं। दोनों के दाम आसमान छू रहे हैं। इसी प्रकार उर्वरक या कीट नाशक के दाम भी लगभग दोगुने बढ़े हैं। ऐसे में गन्ना मूल्य का दाम पिछले साढे चार वर्षो में इतना कम बढ़ाया जाना गन्ना किसानों का अपमान करना और उन पर अनावश्यक दबाव डालना है।’ अजय लल्लू ने मांग की है कि उत्तर प्रदेश के किसानों को बढ़ी लागत मूल्य के चलते उनकी गन्ना खरीद न्यून्तम साढे चार सौ रूपये प्रति कुंतल किया जाए तथा गन्ना किसानों का लगभग 10 हजार करोड़ रूपये का गन्ना बकाया मूल्य अविलम्ब सुनिश्चित कराया जाए।