गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चार मार्च को गोरखपुर में खाद कारखाने के रबर डैम का लोकार्पण करेंगे। चिलुआताल में बनाए गए इस रबर डैम का निर्माण कोरियन तकनीक से किया जा रहा है।
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डैम के लोकार्पण कार्यक्रम में सीएम योगी के साथ केंद्रीय उर्वरक और रसायन मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा भी उपस्थित रहेंगे। सीएम योगी ने बुधवार को कारखाने के अधिकारियों के बैठक की और कार्यक्रम की तैयारियों की जानकारी ली। साथ ही अधकारियों को उचित व्यवस्थाओं के जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए।
जुलाई तक उत्पादन के लिए होगा तैयार
मुख्यमंत्री योगी द्वारा कारखाने के निर्माण की प्रगति के बारे में पूछे जाने पर अधिकारियों बताया कि, निर्माण कार्य तकरीबन पूरा हो गया है। ट्रायल की प्रक्रिया चल रही है। कारखाना खाद उत्पादन के लिए निर्धारित अवधि जुलाई, 2021 में तैयार हो जाएगा।
पूर्वांचल का पहला रबर डैम
खाद कारखाना (हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड) के वरिष्ठ प्रबंधक सुबोध दीक्षित ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया, लोकार्पण की तैयारी पूरी हो गई हैं और रबर डैम का भी सफल ट्रायल हो तकरीबन पूरा हो चुका है। पूर्वांचल का यह पहला रबर डैम, खाद कारखाने की 1450 क्यूबिक मीटर पानी की जरूरत को पूरा करेगा। इसके लिए चिलुआताल को गहरा किया गया है।
उन्होंने बताया कि चिलुआताल से ही पानी प्लांट तक पहुंचाया जाएगा। रबर डैम को चिलुआताल के पास से गुजर रही रेलवे लाइन की ओर स्थापित किया गया है। इस रबर डैम की खासियत बताते हुए उन्होंने कहा कि, यह हवा से भरा रहेगा और जब डैम के पूरब पानी ज्यादा हो जाएगा तो डैम से थोड़ी हवा निकाल दी जाएगी। इससे पानी दूसरी तरफ चला जाएगा।
गोरखपुर में तीन भव्य घाटों का लोकार्पण
इससे पहले मंगलवार को सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने राप्ती नदी के तट पर तीन भव्य घाटों का लोकार्पण किया, जिनका निर्माण सिंचाई विभाग ने किया था। इसके अलावा नगर निगम द्वारा बनाए गए प्रदूषण मुक्त लड़की एवं गैस आधारित शवदाह संयंत्र की स्थापना और परंपरागत अन्त्येष्टि स्थल का भी लोकार्पण किया।
सीसी रोड का लोकार्पण
मुख्यमंत्री योगी ने हर्बर्ट बांध से राज घाट तक बनाए जाने वाले सीसी रोड का भी लोकार्पण किया। इस रोड के निर्माण में 60.54 लाख रुपए की लागत आएगी। इससे पहले सीएम योगी ने राप्ती नदी को स्टीमर से पार करके रामघाट के सुंदरीकरण का निरीक्षण भी किया।
लकड़ी से होगा प्रदूषणमुक्त शवदाह
जिले में राप्ती नदी के तट पर नगर निगम ने अंतिम संस्कार के लिए जिस गैसीफायर अंत्येष्टि स्थल का निर्माण करवाया है, इसमें शवदाह तो लकड़ी से होगा लेकिन प्रदूषण नहीं होगा। दरअसल, लकड़ी और शव जलने से निकलने वाली गैसें एक बड़े संयंत्र से पानी की बौछारों के बीच से होकर गुजरेंगी। एलपीजी आधारित शवदाह गृह में शव का अंतिम संस्कार 45 मिनट में ही हो जाएगा। इस दौरान करीब 12-16 किलोग्राम एलपीजी गैस खर्च होगी। आपको इस अंत्येष्टि स्थल की एक और खूबसूरत बात बता दें कि यहां भगवान शिव की 30 फीट ऊंची मूर्ति लगाई जाएगी, जिसकी शुरुआत हो गई है। एक माह के अंदर मूर्ति स्थापना कर दी जाएगी।