लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को बेसिक शिक्षा परिषद के 271 नवनियुक्त खंड शिक्षा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र दिया। इस दौरान उन्होंने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि, आज के इस अवसर पर मैं आप सबसे यही कहूंगा कि बेसिक शिक्षा परिषद में आमूलचूल परिवर्तन लाने की दिशा में जो प्रयास प्रारंभ हुए हैं, उनमें आप सहभागी बनें। नौकरी को औपचारिकता न बना लें। गांव-गांव में बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रेरित करें।
दिव्यांग बच्चों के विशेष पाठ्यक्रम वाली पुस्तक का विमोचन
राजधानी स्थित लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष पाठ्यक्रम वाली बेसिक शिक्षा परिषद की पुस्तक का विमोचन किया। इस दौरान सीएम योगी ने मिशन प्रेरणा के तहत प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को पुरस्कृत भी किया। अपने संबोधित में उन्होंने कहा कि, हमारी सरकार चार वर्षों के इस कार्यकाल के दौरान प्रदेश में चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने में सफल हुई है। उन्होंने कहा कि, हम प्रदेश के युवाओं को पारदर्शी और सुचितापूर्ण तरीके से नियुक्ति पत्र दे रहे हैं।
सीएम योगी ने कहा, आज से चार साल पहले यूपीपीएससी (उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग) की गरिमा दांव पर लगी थी। प्रदेश में जाति, क्षेत्र, मत और मजहब देखकर नियुक्तियां दी जाती थीं। धनबल और बाहुबल का का भरपूर दुरुपयोग होता था और उन परिस्थियों में पारदर्शिता और सुचिता कपोल कल्पना मात्र थी। लेकिन, आज सभी चयन आयोग पारदर्शी तरीके से अभ्यर्थियों का चयन कर रहे हैं। भ्रष्टाचार की शिकायत मिली तो सख्त कार्रवाई होगी, यह बात सरकार ने सभी आयोग और बोर्डों से पहले ही कह दी थी। ये परिणाम उसी बात का है कि आज कोई भी युवा करप्शन की शिकायत नहीं करता है।
विपक्ष पर साधा निशाना
विपक्ष पर निशाना साधते हुए सूबे के मुखिया ने कहा कि, कभी यूपी में हर दूसरे-तीसरे दिन बड़ा दंगा होता था, जिसमें काफी संपत्ति को नुकसान होता था। इन दंगों के कारण आम आदमी तो परेशान होता ही था, प्रदेश की छवि भी प्रभावित होती थी। इन दंगों को नियंत्रण के लिए पुलिस बल की आवश्यकता थी, लेकिन पुलिसकर्मियों की संख्या पर्याप्त नहीं थी। तीन लाख की बजाए सवा लाख पुलिसकर्मी ही मौजूद थे।
सीएम योगी ने कहा, दंगे के समय कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पीएसी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, लेकिन उसकी 54 कंपनियां खत्म कर दी गई थीं। तब प्रदेश सरकार ने कहा कि, भर्ती प्रक्रिया पूरी पारदर्शी तरीके से होनी है और इसमें महिलाओं को प्राथमिकता दी गई। इसी का रिजल्ट है कि चार सालों के दौरान डेढ़ लाख से अधिक पुलिसकर्मियों की भर्ती की गई।
बिना नाम लिए सपा सरकार पर कटाक्ष
भर्तियों के बहाने पूर्व सरकार पर कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, वर्ष 2017 से पहले कोई खानदान था, जिनमें अलग-अलग भर्ती आवंटित हो जाती थीं कि ये भर्ती चाचा देखेंगे, ये भर्ती भाई देखेंगे या भतीजा देखेगा। ये चाचा, काका, मामा ये महाभारत काल में सुने होंगे या फिर वर्ष 2012 से 2017 के बीच में सुने होंगे। ये लोग महाभारत के वही पात्र हैं, जिन्होंने दोबारा से जन्म लिया है। वे लोग जैसे महाभारत करके भारत की प्रगति को बाधित किए थे, वैसे ही इन्होंने प्रदेश के विकास को बाधित किया।
यूपीएससी ने 309 पदों पर निकाली थी भर्ती
यूपीएससी ने खंड शिक्षा अधिकारियों के लिए 309 पदों पर भर्ती विज्ञापन निकाला था। खंड शिक्षा अधिकारी 2019 की मुख्य परीक्षा 6 दिसंबर, 2020 को आयोजित हुई थी, जिसमें कुल 4,182 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। लेकिन, इनमें से 271 अभ्यर्थी ही सफल हुए थे। यूपी में 12 साल बाद खंड शिक्षा अधिकारियों की नियुक्ति हुई है।