नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ सरकार और किसानों के बीच तनातनी जारी है। दो पहीने से ज्यादा का समय बीत गया लेकिन अभी भी बीच का रास्ता नहीं निकला पाया है। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को एक बार फिर किसानों से बीच का रास्ता निकालने की अपील की और कहा कि मैं किसानों के मात्र एक फोन कॉल दूर हूं। इसी बीच भारतीय किसान युनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की भावुक अपील के बाद एक बार फिर आंदोलन नए सिरे से शुरु हो गया है। राकेश टिकैत की अपील के बाद पश्चिमी युपी से किसान दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर के लिय लगातार निकल रहे हैं। ऐसे मैं मुजफ्फरनगर के बाद बागपत में भी एक किसानों की महापंचायत बुलाई गई है। अब देखना होगा कि पंचायत में किसानों का क्या रुख रहता है। सरकार अब थोड़ी नरम पड़ती दिखाई दे रही है।
फर्जी खबरें फैलाने के आरोप में ‘द कारवां’ मैग्जीन के खिलाफ मामला दर्ज
दिल्ली पुलिस ने मैग्जीन ‘द कारवां’ मैग्जीन के खिलाफ कथित रूप से भ्रामक और झूठी खबर फैलाने के आरोप में एक एफआईआर दर्ज की है. मैग्जीन ने ट्वीट किया था कि, “26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर रैली के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में हिंसक किसान रैली के बाद आईटीओ चौराहे पर पुलिस गोलीबारी में एक किसान की गोली लगने से मौत हो गई.” जबकि मृतक व्यक्ति की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पाया गया कि उसकी मौत ट्रैक्टर की चपेट में आने से हुई है.
थरूर और वरिष्ठ पत्रकारों के खिलाफ FIR दर्ज
दिल्ली में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में गलत खबर फैलाने के आरोप में नोएडा पुलिस ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर और छह पत्रकारों समेत आठ लोगों के खिलाफ राजद्रोह व अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया है. कांग्रेस ने इसकी आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि केंद्र और राज्यों की भाजपा सरकार विरोध की हर आवाज को दबाने में लगी हुई हैं.