लखनऊ: यूपी बजट सत्र 18 फरवरी से शुरू होना है, जबकि सरकार 20 फरवरी को बजट लेकर आयेगी। इसके पहले ही विपक्ष सरकार को घेरने की योजना बना रहा है।
किसान के मुद्दे पर हंगामा संभव
किसान कानून केंद्र ही नहीं राज्य सरकारों कि लिए अब समस्या खड़ी कर रहा है। आने वाले बजट सत्र में भी इसकी झलक देखने को मिल सकती है। सरकार जहां एक तरफ बजट की तैयारी में लगी हुई है, वहीं विपक्ष हंगामें की योजना बनाता हुआ नजर आ रहा है।
यह भी पढ़ें: योगी कैबिनेट विस्तार की अटकलों पर लगी लगाम, जानें आखिर क्या रहे कारण
राज्यपाल के अभिभाषण से शुरू होगा सत्र
बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण से होगी। यह 18 फरवरी को सुबह 11 बजे होगा। इसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू की जाएगी। सरकार के बजट की बात करें तो यह 22 फरवरी को पेश किया जाएगा। योगी सरकार में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना 2021 का बजट पेश करेंगे।
मौजूदा सरकार का अंतिम पूर्ण बजट
यह बजट मौजूदा योगी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट होने वाला है क्योंकि विधानसभा चुनाव 2022 में होंगे। 19 मार्च को योगी सरकार अपने 4 साल भी पूरे कर लेगी।
आखिरी पूर्ण बजट होने के कारण विपक्ष और सरकार के बीच काफी नोकझोंक भी देखने को मिलेगी। ऐसे में यह कहना कठिन नहीं है कि बजट हंगामेदार रहने वाला है।
किसान आंदोलन पर विपक्ष हमलावर
बीते कई दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर किसान आंदोलन कर रहे हैं। केंद्र सरकार के 3 किसान कानूनों से जुड़ा मामला काफी बड़ा होता जा रहा है।
किसान कानून के विरोध में किसानों के साथ अन्य विपक्षी दल भी खड़े हुए हैं। प्रियंका गांधी लगातार किसान महापंचायत का हिस्सा बन रही है। वहीं अरविंद केजरीवाल भी किसानों के मंच पर जल्द ही दिखाई देंगे।
महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर भी चर्चा
किसान आंदोलन के अलावा विपक्ष हाथरस की घटना और प्रदेश में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर मुखर होगी। हाल ही में शराब माफिया को पकड़ने गई पुलिस पर कासगंज में हमला हो गया। जिसमें एक पुलिसकर्मी की मौत भी हो गई।
कृषि मंत्री का बयान यूपी में किसान आंदोलन का नहीं है वजूद
योगी सरकार में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसान पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में यह आंदोलन पूरी तरह से फेल है। यहां किसान आंदोलन का कोई भी वजूद नहीं है। विपक्ष बिना मतलब की हवा देकर सरकार को बदनाम कर रहा है।