लखनऊ: यूपी में धर्मांतरण के खेल में शामिल आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद रोजाना दफन राज़ खुलते जा रहे हैं। यूपी एटीएस ने धर्मांतरण के मामले में एक चौंका देने वाला खुलासा किया है। इन्वेस्टिगेशन में पता चला कि आरोपित नाबालिग बेटियों को अपना निशाना बनाते थे। इसके बाद आरोपित हिन्दू बेटियों बहला-फुसलाकर गायब कर लेते थे। यही नहीं बेटियों के बालिग होते ही आरोपित उनका धर्म बदलकर निकाह पढ़वा देते थे।
दरअसल यूपी एटीएस को इस तरह की कुछ शिकायतें मिली हैं। पीड़ित परिवारों ने आरोप लगाया है कि स्थानीय पुलिस भी उनकी शिकायतों को दरकिनार कर दिया। हालांकि, खुफिया एजेंसी इन शिकायतों की जांच कर रही है। वहीं सूत्रों के मुताबिक, गुजरात में सलाउद्दीन के बाद दूसरे शख्स का नाम समाने आ रहा है।
आरोप है कि यह शख्स मोहम्मद उमर गौतम की इस्लामिक दावा सेंटर में हवाला के जरिए रूपए देता था। फिलहाल एटीएस अफसरों ने उसके नाम का खुलासा नहीं किया है।
उमर गौतम के घर से मिले दस्तावेज
अब यूपी एटीएस की टीम मौलाना उमर गौतम के आधा दजर्न साथियों की तलाश में जुट चुकी है। टीम उनकी तलाश में अन्य शहरों में डेरा डाले हुए है। यह लोग धर्मांतरण मामले में सीधे तौर पर आरोपित की संस्था से जुड़े थे।
बताते चलें कि नोएड़ा में मूकबधिर बच्चों के साथ दिल्ली एनसीआर के बीकाजी कामा प्लेस में भी डेफ सोसाइटी और गुरूग्राम तथा फरीदाबाद में पढ़ने वाले मूकबधिर बच्चों को भी आरोपितों ने टारगेट किया था।
वहीं जांच एजेंसी को मोहम्मद उमर गौतम के घर से एक हजार लोगों के धर्मांतरण वाले अहम दस्तावेज भी मिले हैं। उनमें से आधे से ज्यादा पीड़ित पर परिवारों की पहचान खुफिया एजेंसी कर चुकी है।