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महाभारत के अनसुलझे रहस्य जिनका कोई पता नहीं लगा सका..

mahabhart 1 महाभारत के अनसुलझे रहस्य जिनका कोई पता नहीं लगा सका..

महाभारत जैसा कोई दूसरा युद्ध न कभी हुआ है और न ही होगा। ये युद्ध अपनों का अपनों के विरूद्ध था। जिसमें भाग लेने वाले सभी लोगों की बहुत ही दर्दनाक मौत हुई। महाभारत के युद्ध का संचालन भगवान श्री कृष्ण कर रहे थे। लेकिन वो भी इस युद्ध से नहीं बच सके। महाभारत युद्ध को गुजरगे हजारों साल हो चुके हैं। लेकिन अभी भी महाभारत से जुड़े कुछ ऐसे रहस्य हैं। जिनसे पर्दा नहीं हट सका है। आज हम आपको ऐसे ही रहस्यों के बारे में बताने जा रहे हैं।

mahabhart 2 महाभारत के अनसुलझे रहस्य जिनका कोई पता नहीं लगा सका..
महाभारत को किसने लिखा?
ज्यादातर लोग यह जानते हैं कि महाभारत को वेदव्यास ने लिखा है लेकिन यह अधूरा सच है कृष्णद्वैपायन से पहले 27 वेदव्यास हो चुके थे, जबकि वे खुद 28वें वेदव्यास थे। उनका नाम कृष्णद्वैपायन इसलिए रखा गया, क्योंकि उनका रंग सांवला कृष्ण के रंग का था और वे एक द्वीप पर जन्मे थे।

100 नहीं 99 थे कौरव
धृतराष्ट्र और गांधारी के 99 पुत्र और एक पुत्री थीं जिन्हें कौरव कहा जाता था। कुरु वंश के होने के कारण ये कौरव कहलाए। सभी कौरवों में दुर्योधन सबसे बड़ा था। गांधारी जब गर्भवती थी, तब धृतराष्ट्र ने एक दासी के साथ सहवास किया था जिसके चलते युयुत्सु नामक पुत्र का जन्म हुआ। इस तरह कौरव सौ हो गए। इस बात को बहुत कम लोग जानते हैं।

18 अंक का रहस्य
महाभारत के साथ 18 अंक का कोई ना कोई रहस्य जरूर है जिसका अभी तक पता नहीं लगाया जा सका है। वेदव्यास जी के द्वारा लिखी गई महाभारत में कुल 18 अध्याय है, 18 दिन तक है महाभारत का युद्ध चला, भगवत गीता में भी कुल 18 अध्याय हैं, भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को 18 दिन तक गीता का ज्ञान दिया, कौरवों और पांडवों की सेना में भी कुल 18 अक्षौहिणी सेना थी। इस युद्ध में प्रमुख सूत्रधार भी 18 ही थे, और महाभारत युद्ध के अंत में 18 योद्धा ही जीवित बचे थे। अब सवाल यह उठता है कि सबकुछ 18 की संख्या में क्यों होता गया? क्या सिर्फ यह एक संयोग था या कुछ और ये रहस्य आज तक नहीं सुलझ सका है।

‘ब्रह्मास्त्र’ का रहस्य
हिंदू इतिहास जानकारों के मुताबिक 3 नवंबर 5561 ईसा पूर्व छोड़ा गया ‘ब्रह्मास्त्र’ परमाणु बम ही था। महाभारत में भी इसका वर्णन मिलता है। अब यहां भी सवाल यह उठता है कि क्या सच में ही हमारी आज की टेक्नोलॉजी से कहीं ज्यादा उन्नंत थी महाभारत काल की टेक्नोलॉजी। इसके बारे में आज तक कोई नहीं जान सका।

बिना राशियों के कैसे होती थीं भविष्यवाणी?
महाभारत के दौर में राशियां नहीं हुआ करती थीं। चंद्रमा और सूर्य के आधार पर राशियां बनाईं और लोगों का भविष्य बताया जाता था। लेकिन हैरान करने वाली बात ये ही कि,वेद और महाभारत में इस तरह की विद्या का कोई उल्लेख नहीं मिलता जिससे कि यह पता चले कि ग्रह नक्षत्र व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करते हैं।

महाभारत से जुड़ी से जानकारी बहुत कम लोग जानते हैं।

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