नई दिल्ली : मी टू’ अभियान के तहत यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर अब बुरे फंसते नजर आ रहे हैं। इन आरोपों के बाद कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने उनका इस्तीफा मांगा है। अब माना जा रहा है कि नाइजीरिया की आधिकारिक यात्रा से लौटने के बाद केंद्र सरकार उनसे इस्तीफे की मांग कर सकती है।
आरोपों के बाद सरकार में भारी बेचैनी
मुंबई मिरर के मुताबिक, एमजे अकबर पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद सरकार में भारी बेचैनी है और उनका असमर्थनीय बचाव नहीं किया जा सकता है। हालांकि अभी वो नाइजीरिया की यात्रा पर हैं और गुरुवार को उनके लौटते ही उनसे मंत्री पद छोड़ने के लिए कहा जा सकता है।
अकबर खिलाफ कार्रवाई की जाएगी
जानकारी के मुताबिक कि बेशक, उनके (एमजे अकबर) खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि इस्तीफे की मांग से पहले अकबर को इतनी रियायत जरूर दी जाएगी कि वो अपने ऊपर लगे सभी तरह के आरोपों पर सफाई दे सकें।
बता दें कि प्रिया रमानी और प्रेरणा सिंह बिंद्रा नाम की दो महिला पत्रकारों ने एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। प्रिया रमानी का कहना है कि एमजे अकबर ने होटल के एक कमरे में इंटरव्यू के दौरान कई महिला पत्रकारों के साथ आपत्तिजनक हरकतें की हैं।
वहीं, प्रेरणा सिंह बिंद्रा नाम की महिला पत्रकार का कहना है कि उनके साथ हुई घटना 17 साल पुरानी है। अकबर उनसे अश्लील टिप्पणियां किया करते थे और उनका जीना मुश्किल कर दिया था। वह इतने सालों तक इसलिए चुप रहीं क्योंकि उनके पास सबूत नहीं थे।
एमजे अकबर के बचाव में उतरे भाजपा सांसद
एमजे अकबर पर लगे इन आरोपों के बाद अब भाजपा सांसद उदित राज उनके बचाव में उतर गए हैं। उन्होंने महिला पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह 10 साल बाद सामने क्यों आई है? उदितराज ने ‘मी टू’ अभियान को गलत प्रथा की शुरुआत बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि इतनी देरी की है तो आरोपों की सत्यता की जांच कैसे होगी?