लखनऊ। एक ओर जहां देश के कुछ किसान संगठन नये कृषि कानून को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं वहीं अखिल भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ता गांव – गांव जाकर किसानों को आत्मनिर्भर बना रहे हैं। किसान संघ किसानों को सरकारी अनुदान दिलाने में किसानों की मदद कर रहा है। किसान संंघ किसानों को जैविक खेती के साथ पशुपालन के लिए प्रेरित कर रहा है। इससे जहां किसानों की आर्थिक हालत सुधरेगी वहीं किसान आत्मनिर्भर भी बनेगा।
किसान संघ अवध प्रान्त के प्रान्त संगठन मंत्री रामचेला ने भारत खबर को बताया कि
किसान विज्ञान से काफी दूर हैं। खेती में वैज्ञानिक तकनीकि को अपनाये बिना किसानों को भला नहीं हो सकता है। इसके लिए किसान संघ किसानों को विभिन्न फसलों के अलावा सब्जियों की खेती करने के वैज्ञानिक तरीकों से अवगत करा रहा है।
प्रान्त संगठन मंत्री ने बताया कि आज हमारे देश की गौ आधारित कृषि जो हमारी साझा धरोहर है उसे देश के हजारों किसानों ने अपनाया है ओर उसके सकारात्मक प्रमाण आये हैं। राम चेला ने बताया कि गौ आधारित जैविक कृषि के मामले में किसानों के मन में अनेक प्रकार के भ्रम हैं उनको दूर करने का प्रयास किसान संघ कर रहा है। भारतीय किसान संघ इस दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है ।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जो कृषि ऊपज के व्यापार सम्बन्धी अध्यादेश लाया गया है उन तीनों अध्यादेशों में खामियां है जिनको दूर किया जाना अति आवश्यक है । भारतीय किसान संघ ने केंद्र सरकार के समक्ष अध्यादेशों में संशोधन की मांग की है । उसमें समर्थन मूल्य से कम फसल न बिके इसका प्रावधान होना चाहिए । इसके अलावा निजी व्यापारियों का राज्य एवं केंद्र स्तर पर पंजीयन हो तथा उनकी बैंक सेक्युरिटी हो। इसके अलावा किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए एक स्वतंत्र कृषि न्यायालयों की व्यवस्था होनी चाहिए और क़ृषि संबंधी सभी विवादों का निपटारा किसानों के गृह जिले में ही होना चाहिए।