नई दिल्ली। सेना की ओर से आतंकियों के खिलाफ की गई कार्रवाई और फिर स्टिंग में फंसे हुर्रियत के ऊपर NIA के शिकंजे के कसने के बाद अब घाटी में आतंकी संगठनो से जुड़े युवाओं का मोह भंग होता जा रहा है। युवाओं को अब ये एहसास होने लगा है कि आतंकी संगठनो के आका उनके कंथे पर बंदूक रख कर चला रहे हैं। जिसमें सामने से जब कोई कार्रवाई होती है तो आकाओं का कुछ नहीं जाता अगर नुकसान होता है तो उनका जो उनके प्यादे के तौर पर घाटी में आतंकी संगठनों की नुमाइंदगी करते हैं।
दानिश ने किया सरेंडर
हाल में हुए आंतकी ऑपरेशन में हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर सबजार भट को सेना ने एक एन्काउंटर में मार गिराया था। इसी आतंकी के जनाजे में भीड़ के साथ दिखे आंतकी दानिश अहमद ने हंदवाड़ा पुलिस और 21 राजपूताना राइफल्स के सामने सरेंडर कर दिया। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक दानिश ने बताया कि दक्षिणी कश्मीर में अब आतंकी आकर नही सोशल मीडिया के जरिए युवाओं अपनी ओर आकर्षित कर जोड़ रहा है। सोशल मीडिया के जरिए ही दानिश हिज्बुल के जाल में फंसा था।
सेना को मिली बड़ी कामयाबी
दानिश के समर्पण को सेना एक बड़ी कामयाबी के तौर पर देख रही है। सबजार के जनाजे के विडियो में दानिश हथियार के साथ दिखा था । जिसके बाद सुरक्षा एजेन्सियां चौकन्नी हो गई थी। पुलिस और सेना की जांच में सामने आया कि यह हंदवाड़ा के कुलगाम में रहने वाले फारूक अहमद का बेटा दानिश है। दानिश को इससे पहले पत्थरबाजी में भी पुलिस ने हिरासत में लिया था। इसके बाद इसकी काउंसलिंग कर छोड़ दिया गया था। दानिश दून स्थित कृषि विज्ञान एंव तकनीकि पीजी कॉलेज से बीएससी कर रहा था। लेकिन जब दानिश का ये वीडियो सामने आया तो साफ था कि वह आतंकियों के जुड़ गया है।
मां-बाप के कहने पर दानिश आया सामने
इसके बाद सेना ने पुलिस की मदद से इसके मां-बाप से सम्पर्क कर इसे समर्पण के लिए कहने को कहा साथ ही कहा गया कि अगर वो खुद से समर्पण करता है तो उसके साथ नरमी बरती जायेगी। इसके बाद घरवालों के समझाने और कहने पर दानिश ने खुद आकर सरेंडर कर दिया है। जहां पर पूछताछ में उसने बताया कि दक्षिणी कश्मीर में आतंकियो के सम्पर्क में वो था। उन्होने उसे उत्तरी कश्मीर में उसे कुछ युवाओं को जोड़ने की जिम्मेदारी दी थी। जिससे वो घाटी में आतंकी ऑपरेशन को और तेजी के साथ अंजाम दे सकें।
अजस्र पीयूष