संवाददाता, मेरठ। जहां एक ओर सरकारें और मीडिया दुनिया को तनाव, तारीफ और अनायास के डिबेट में इंगेज किए हैं वहीं एक रिपोर्ट अब चौकाने वाली साबित होगी। बेरोजगारी की लिस्ट में भारत का नाम पिछले कई वर्षों की तुलना में लगातार बढ़कर शिखर पर पहुंच गया है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी ( #CMIE ) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक फरवरी 2019 में बेरोजगारी दर 7.2 फीसदी पहुंच गई। यह सितंबर 2016 के बाद की सबसे ज्यादा है. पिछले साल सितंबर में यह आंकड़ा 5.9 फीसदी था।
मंगलवार को जारी आंकड़ों में यह बात स्पष्ट हुई। मुंबई के एक थिंक टैंक के प्रमुख महेश व्यास ने Reuters से बातचीत में बताया कि बेरोजगारी दर में इतनी भारी बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है जब जॉब तलाशने वालों की संख्या कम हुई है। महेश व्यास ने बताया कि पिछले साल फरवरी में 40.6 करोड़ लोग काम कर रहे थे, जबकि इस साल यह आंकड़ा 40 करोड़ है।
इस साल मई में लोकसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में बेरोजगारी की यह समस्या मोदी सरकार के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर सकता है. अर्थशास्त्रियों का भी मानना है कि सीएमआईई का डेटा सरकार द्वारा पेश किए गए जॉबलेस डेटा से ज्यादा विश्वसनीय है. यह डेटा देश भर के हजारों परिवारों से लिए गए सर्वे के आधार पर तैयार किया जाता है।