एक वक्त ऐसा था जब पड़ोसी मुल्क भारत की तारीफ करते हुए नहीं थकता था। लेकिन आज एक ऐसा वक्त आ चुका है जब चीन के कहने पर नेपाल भारत को धमकी दे रहा है।
गलत शब्दों का इस्तेमाल कर रहा है। नेपाल के तीखे तेवरों को देखते हुए लग रहा है कि , वो चीन की ही तरह भारत पर दबाब बनाना चाहता है।
लेकिन इस बीच भारत ने चीन के साथ दोस्ती निभाते हुए अपनी उदारता का बड़ा उदाहरण पेश किया है। आपको बता दें, ऐसे तनाव के बीच जब नेपाल ने मदद मांगी तो भारत ने मना नहीं किया।
ऑस्ट्रेलिया में एक नेपाली के लिए मेडिकल इमर्जेंसी आई तो भारत ने फौरन मदद पहुंचाई।
विदेशों से लोगों को ला रहे स्पेशल एयर इंडिया विमान से तीन नेपाली नागरिकों को दिल्ली लाया गया है।
जिन तीन नेपाली नागरिकों को भारत लाया गया है, उनमें से एक का दिल्ली में बोनमैरो ट्रांसप्लांट होना है।
दूसरा शख्स मरीज का भाई है और वही बोनमैरो डोनेट कर रहा है। इनके पिता भी साथ आए हैं।
खबरों की मानें तो भारत ने नेपाल की मदद इसलिए की क्योंकि दोनों देशों की दोस्ती अनूठी है और लोग एक-दूसरे से बेहद जुड़ाव महसूस करते हैं।
1950 की संधि के आधार पर, नेपाल नागरिकों को भारतीय नागरिकों जितनी सुविधाएं ही मिली हैं।
इस तरह भारत ने नेपाल की मदद करके उसे बताने की कोशिश की है की वो अपनी दोस्ती खत्म नहीं करेगा।
आपको बता दें कुछ दिनों पहले नेपाल ने भारत के कई हिस्सों को अपने नये मैप में दिखाया देते हुए भारत के हिस्सों को अपने होने का दावा किया था।
जिसके बाद कालापानी को लेकर बड़ा विवाद हो गया है। जिसकी चर्चा दुनियाभर में हो रही है। बेहरहाल भारत ने नेपाल के लोगों की मदद करके अपनी दोस्ती निभाई है अब नेपाल इसे किस तरह से लेता है। ये देखना दिलचस्प होगा।