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क्या फूट की कगार पर खड़ी है आप पार्टी?

arvind क्या फूट की कगार पर खड़ी है आप पार्टी?

आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के अकाली दल नेता विक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांगकर अपने और पार्टी के लिए फजीहत मोल ले ली है। पार्टी के आधे से ज्यादा नेता केजरीवाल के इस निर्णय से खासे नाराज़ हैं। पहले भगवंत मान और अब सह-अध्यक्ष अमन अरोड़ा नेअपने से इस्ताफा देकर पार्टी को एक और बड़ा झटका दे दिया है। केजरीवाल ने पूर्व मंत्री विक्रम सिंह मजीठिया पर मादक पदार्थ व्यापार में शामिल होने का आरोप लगाया था जिसपर कल उन्होंने माफी मांग ली थी।

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लोक इंसाफ पार्टी ने तोड़ा गठबंधन

अरविंद केजरीवाल का माफी मांगना इतना पार्टी को काफी महंगा पड़ सकता है। दिल्ली सीएम के इस फैसले से सहयोगी पार्टी भी काफी खफा नज़र है, और पार्टी ने आप से गठबंधन तोड़ने की घोषणा कर दी है।

एलआईपी नेता और विधायक सिमरजीत सिंह बैंस ने आज कहा, “हमने आप के साथ अपना गठबंधन तोड़ने की घोषणा की है। हम उस पार्टी के साथ नहीं जुड़ सकते जिसके मुख्य नेता ने पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांगकर निरीह होकर आत्मसमर्पण कर दिया।”

इसके अलावा बैंस ने केजरीवाल को धोखेबाज कहते हुए कहा, “वह एक धोखेबाज हैं। उन्होंने पंजाब के लोगों से धन लिया और मजीठिया को सजा दिलाने का वादा किया। और अब उन्होंने माफी मांग ली जो पंजाब के लोगों के साथ सबसे बड़ा धोखा है।” हालांकि उन्होंने कहा कि वह 20 में से 14-15 आप विधायकों को ‘निजी स्तर पर’ समर्थन देना जारी रखेंगे जो पंजाब के हित में काम कर रहे हैं। पिछले साल फरवरी में पंजाब विधानसभा चुनावों से छह महीने पहले आप और एलआईपी में गठबंधन हुआ था।

 

भगवंत मान और अमन अरोड़ा ने दिया पद से इस्तीफा

संगुरु से लोकसभा सांसद भगवंत सिंह मान ने पंजाब में आप अध्यक्ष के पद से शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया था, इसके कुछ घंटों के बाद ही सह-अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने भी पद त्याग दिया। भगवंत सिंह मान ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ‘मैं आप के पंजाब अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हुं…. लेकिन मेरी लड़ाई एक ‘आम आदमी’ के तौर पर ड्रग माफिया ओर पंजाब में हो रहे हर तरह के भ्रष्टाचार के खिलाफ है।’ इसी बीच पार्टी के राज्य सभा सांसद ने अपना बयान देते हुए कहा कि मजीठिया एक स्मगलर है जिसे जेल जाना चाहिए।

 

पंजाब इकाई ने अलग होने पर किया विचार

मुख्यमंत्री द्वारा मजीठिया से माफी मांगे जाने के चलते पंजाब से लेकर दिल्ली तक राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई है। खासकर आम आदमी पार्टी केजरीवाल के इस माफी नामे के बाद निचले दर्ज पर आ गई है। इतना नहीं पंजाब में पंजाब आप ने यहां दो दौर की लंबी बैठक की जिसमें पार्टी की दिल्ली इकाई से अलग होकर अलग इकाई के गठन के प्रस्ताव पर चर्चा की गयी. हालांकि अंतिम फैसला आगे के लिए टाल दिया गया। सुबह हुई बैठक में लोक इंसाफ पार्टी के दो विधायकों सहित करीब 20 विधायकों ने हिस्सा लिया जबकि शाम में हुई दूसरी दौर की बैठक से कुछ विधायक नदारद रहे।

 

पहले भी पार्टी के बड़े नेता छोड़ चुके हैं साथ

यह कोई पहली बार नहीं है जब पार्टी के नाताओं ने आप का साथ छोड़ा है इससे पहले भी किरन बेदी और शाज़िया इल्मी ने जैसे दिग्गज नेताओं ने मतभेदों के चलते पार्टी का साथ छोड़ दिया था। आप के शुभचिंतकों को बड़ा झटका उस समय लगा जब पार्टी ने प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव जैसे संस्थापक सदस्यों को ही पार्टी से निकाल दिया। 2015 का विधानसभा चुनाव जीतने के बाद जब केजरीवाल सीएम बन गये तब आरोप लगा कि भूषण और योंगेंद्र ने चुनाव में पार्टी के खिलाफ काम किया है। दिल्ली के कापसहेड़ा में पार्टी की बैठक हुई, हंगामा हुआ, आरोप प्रत्यारोप लगे और योगेंद्र-प्रशांत सहित चार बड़े नेताओं को अप्रैल 2015 को पार्टी से निकाल दिया गया।

 

 

 

 

 

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