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संघ की पृष्‍ठभूमि वाले बीएल वर्मा केंद्र में मंत्री, जानें इनका राजनीतिक सफर

संघ की पृष्‍ठभूमि वाले बीएल वर्मा केंद्र में मंत्री, जानें इनका राजनीतिक सफर

लखनऊ: मूलरूप से राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ की पृष्‍ठभूमि से जुड़े बीएल वर्मा को मोदी मंत्रिमंडल में स्‍थान दिया गया है। वह बदायूं जिले के उझानी ब्‍लॉक के ज्‍योरा पारवाला गांव के निवासी हैं। वह लोधी समाज से आते हैं और उनको केंद्र में मंत्री बनाकर लोधी वोट बैंक को सहेजने का प्रयास किया गया है। एक प्रकार से संतोष गंगवार को मंत्री पद से हटाने से होने वाले नुकसान की भरपाई बीएलवर्मा कर सकते हैं।

यह यूपी की राजनीति के लिए विशेषकर आगामी 2022 विधानसभा चुनाव के भाजपा के लिए फायदेमंद होगा। बीएल वर्मा पूर्व मुख्‍यमंत्री कल्‍याण सिंह के बेहद करीबी हैं। बीएल वर्मा का पूरा नाम बनवारी लाल वर्मा हैं। वह पहले राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ में थे। संघ में विभिन्न दायित्‍वों पर रहने के बाद वह भाजपा में आए।

राजनीतिक सफर की शुरुआत

बीएल वर्मा की प्रारम्‍भ में एक सामाजिक कार्यकर्ता के नाते क्षेत्र में पहचान थी। 1970 के दशक में राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के खण्‍ड कार्यवाह थे। इसके बाद उन्‍हें तहसील कार्यवाह बनाया गया। इसके बाद 1984 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला महामंत्री की जिम्‍मेदारी इन्‍हें दी गयी। इसके बाद 1997 में भाजयुमो के प्रदेश मंत्री बनाये गये। वहीं, 2003 से 2007 तक दो बार भाजपा के प्रदेश मंत्री की जिम्मेदारी संभाली।

2011 में कल्याण सिंह ने जब भाजपा छोड़कर जन क्रांति पार्टी बनाई थी, तब वह कल्‍याण सिंह के साथ बाहर चले गये थे। कल्‍याण सिंह ने इन्हें प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी थी। कल्‍याण सिंह जब भाजपा में वापस आये तब बीएल वर्मा भी भाजपा में आ गये और इन्‍हे ब्रज क्षेत्र का अध्‍यक्ष बनाया गया।

आगरा मंडल में बीएल वर्मा की अच्‍छी पकड़

इसके बाद पार्टी के सत्ता में आने पर उत्‍तर प्रदेश समाज कल्‍याण निगम यूपी सिडको का चेयरमैन बनाया गया था। अक्‍टूबर 2020 में इन्‍हें राज्‍यसभा भेजा गया। जमीनी कार्यकर्ता होने के कारण स्‍थानीय राजनीति में इनका दखल रहता है। ब्रज प्रांत के क्षेत्रीय अध्यक्ष रहे हैं, इसलिए आगरा मंडल में भी इनकी पकड़ अच्‍छी मानी जाती है। लाभ पार्टी को मिल सकता है। इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्‍यक्ष और राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष भी रहे हैं।

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