Ukraine-Russia Crisis: रूस की सेना के यूक्रेन पर भीषण हमले से यूरोप के नाटो देशों में खौफ का माहौल है। अमेरिका समेत नाटो देशों ने यूक्रेन को ‘दगा’ देते हुए ऐलान किया है कि वे अपनी सेना को यूक्रेन में नहीं भेजेंगे। इससे यूक्रेन की फौजे अलग-थलग पड़ गई है। कुछ लोग उम्मीद कर रहे है कि एक लंबे और जबरदस्त युद्ध के बाद, यूक्रेन की जीत होगी, डेली मेल की रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है।
युद्ध को पड़ोसी देशों में फैलने से रोकने के नाटो द्वारा होंगे हरसंभव प्रयास
रिपोर्ट के अनुसार, ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि नाटो द्वारा युद्ध को पड़ोसी देशों में फैलने से रोकने के हरसंभव प्रयास होंगे। पोलैंड, गठबंधन (नाटो) का सदस्य, यूक्रेन के साथ एक लंबी भूमि सीमा साझा करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नाटो ने गुरुवार तड़के अपनी सेना को स्थानांतरित करना शुरू कर दिया, यूरोप में 100 युद्धक विमानों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और अधिक सैनिकों को बलटिक्स में स्थानांतरित कर दिया है।
यूक्रेन में सैनिकों को मदद के लिए नहीं भेजेगा अमेरिका
व्हाइट हाउस की एक आपातकालीन प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पुतिन को एक ‘सबसे गिरा हुआ आदमी करार देते हुए पश्चिमी देशों से एकजुट होने का आह्वान किया’। लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि अमेरिका यूक्रेन में सैनिकों को मदद के लिए नहीं भेजेगा।
यूक्रेन पर युद्ध थोपने के लिए पुतिन को किया जायेगा याद
उन्होंने कहा, “हमारी सेना यूक्रेन में रूस के साथ संघर्ष में शामिल नहीं है और न ही होगी। हमारी सेनाएं यूक्रेन में लड़ने के लिए यूरोप नहीं जा रही हैं पर हम नाटो सहयोगियों की रक्षा करेंगे। जब इस युग का इतिहास लिखा जायेगा तो यूक्रेन पर युद्ध थोपने के लिए पुतिन को याद किया जायेगा। युद्ध से रूस कमजोर होगा और बाकी विश्व मजबूत बनेगा। ‘यूक्रेन की तुलना में पुतिन की बहुत बड़ी महत्वाकांक्षाएं हैं। वह (पुतिन) वास्तव में, पूर्व सोवियत संघ को फिर से स्थापित करना चाहते है।