Ukraine-Russia Crisis: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का आदेश दे दिया है। साथ ही यूक्रेन की सेना से हथियार डालने का आह्वान किया है। ये जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएफपी ने दी है।
पुतिन ने कहा है कि रूस की यूक्रेन पर कब्जा करने की कोई योजना नहीं है, लेकिन रूस किसी भी बाहरी खतरे का तुरंत जवाब देगा। इस बीच यूक्रेन की राजधानी कीव में बलास्ट होने की जानकारी सामने आई है।
यूक्रेन ने देशव्यापी आपातकाल की कर दी थी घोषणा
संकट के बीच यूक्रेन ने बुधवार को देशव्यापी आपातकाल की घोषणा कर दी। यूक्रेन संकट को लेकर फिलहाल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यूक्रेन पर आपातकालीन सत्र चल रहा है। इस सप्ताह में यह दूसरी बार होगा, जब यूक्रेन पर चर्चा के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बैठक हो रही है।
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने ट्वीट कर कहा है कि यूक्रेन के शांतिपूर्ण शहर हमले की ज़द में हैं. यह एक युद्ध है। यूक्रेन अपनी रक्षा करेगा और जीत मिलेगी. पुतिन को दुनिया रोके और ज़रूर रोकना चाहिए। अब समय कहने नहीं करने का है।
वहीं, यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने एक दूसरे ट्वीट में कहा है कि दुनिया तत्काल क़दम उठाए. यूरोप और विश्व का भविष्य दांव पर लगा है। दुनिया जो कर सकती है।
वहीं, इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने राष्ट्र को संबोधित किया था। पुतिन ने कहा कि रूसी सेनाएं पूर्वी यूरोप में दाखिल होंगी और वे अलगाववादी क्षेत्रों में शांति स्थापित करने की दिशा में काम करेंगी। राष्ट्रपति के शासनादेश के मुताबिक़ रूसी सेनाएं लुहान्स्क और दोनेत्स्क में शांति कायम करने का काम करेंगी।
राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन के दो पृथकतावादी क्षेत्रों दोनेत्स्क और लुहान्स्क को मान्यता दे दी है। इनका नियंत्रण रूस समर्थित अलगाववादी करते हैं। वहीं, रूस द्वारा जंग के एलान के बाद यूक्रेन के पूर्वी बंदरगाह शहर मारियुपोल में शक्तिशाली विस्फोटों की आवाज सुनी गई। रूसी हमले के बीच यूक्रेन में ‘मार्शल’ लॉ का एलान कर दिया है। वहीं, एहतियातन कीव एयरपोर्ट को खाली करवाया जा रहा है।
दूसरे देशों की अपने नागरिकों को लेकर चिंता
यूक्रेन में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें वापस लाने के लिए एयर इंडिया का एक विशेष विमान कल यानी 22 फ़रवरी को यूक्रेन रवाना हुआ। एयर इंडिया भारत-यूक्रेन के बीच तीन विमानों को संचालित करेगा। एक विमान 22 फ़रवरी को दो सौ से ज़्यादा यात्रियों को लेकर लौट आया है। वहीं, दूसरा विमान 24 फ़रवरी को और तीसरा विमान 26 फ़रवरी को उड़ान भरेगा।
इसके अलावा अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने यूक्रेन में अपने दूतावास के अधिकारियों और स्टाफ़ को पोलैंड जाने के लिए कहा है। सुरक्षा कारणों के तहत दोनों देशों की ओर से यह बयान जारी किया गया। इसके साथ ही रूस ने भी यूक्रेन से अपने राजनयिक कर्मचारियों को निकालने का निर्णय लिया है. रूस के विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि, “रूसी राजनयिकों, दूतावासों और कान्सुलेट जनरल के कर्मचारियों की देखभाल करना हमारी पहली प्राथमिकता है। साथ ही अपने बयान में रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा का वो बहुत जल्दी ही इसकी शुरुआत करेगा।
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर
यूक्रेन और रूस में बढ़ते तनाव के बीच एशियाई शेयर बाज़ार में भारी गिरावट देखी गयी. इससे एक बार फिर से मंदी से उबरती अर्थव्यवस्थाओं को झटका लग सकता है. मंगलवार को जापान के निक्केई 225 सूचकांक में दो फ़ीसदी की गिरावट आई. वहीं दक्षिण कोरिया के कोस्पी में भी बाज़ार खुलते ही 1.4% की गिरावट देखी गई। पूर्वी यूरोप में बढ़ते तनाव के कारण तेल की क़ीमतों में बढ़ोतरी होगी और सप्लाई चेन भी बुरी तरह से प्रभावित होगा।
रूस पर पाबंदियां
पूर्वी यूक्रेन में सेना भेजने के रूस के एलान के बाद यूक्रेन ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए रूस पर कठोर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की थी। अमेरिका समेत कई देशों ने रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। इनमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की ओर से दो वित्तीय संस्थाओं, वीईबी और रूसी मिलिट्री बैंक के ख़िलाफ़ लगाया गया प्रतिबंध सबसे ताज़ा है।
साथ ही बाइडन ने ये भी कहा कि रूसी अर्थव्यवस्था के कुछ हिस्सों को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था से हटाया जा रहा है। साथ ही रूस के उच्च वर्ग और उनके परिवारों पर भी प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रूस के पांच बैंकों और तीन अरबपतियों के ख़िलाफ़ पाबंदियों की घोषणा की है। बोरिस जॉनसन ने कहा है कि रूस के जिन तीन अरबपतियों पर पाबंदी लगाई गई है, ब्रिटेन में उनकी संपत्ति फ़्रीज की जा रही है और उन्हें ब्रिटेन आने से रोका जाएगा।
यूक्रेन संकट के ख़िलाफ़ क़दम उठाते हुए जर्मनी के चांसलर ओलाफ़ शल्ट्स ने बर्लिन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि यूक्रेन में रूस ने जो क़दम उठाए हैं, उसके जवाब में उनकी सरकार ये कार्रवाई कर रही है। यूरोपीय संघ ने एकमत से अपने पहले उपायों पर सहमति व्यक्त की है जिसमें रूस की संसद के उन सदस्यों को लक्ष्य बनाना शामिल है जिन्होंने यूक्रेन पर अपनी सहमित जताई है।
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