देहरादून। चमोली आपदा के 48 घंटे के बाद भी राहत व बचाव कार्य पूरा नहीं हो पाया है। 30 से 35 मजदूर अब भी सुरंग में फंसे हुए हैं। मजदूरों को निकालने का काम कर रही टीमें अब तक 120 मीटर सुरंग की साफ कर पाई हैं। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सेना अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल लिया।
जिस सुरंग में करीब 30-35 श्रमिक फंसे हुए हैं वह करीब एक किलोमीटर मीटर लंबी है। करीब 48 घंटों के बाद ही सुरंग की 120 मीटर खुदाई हो पाई है। बताया जा रहा है कि करीब 180 मीटर सुरंग से गाद व मलबा हटाने के बाद टी-प्वाइंट आएगा, जिसके बाद फंसे श्रमिकों को आसानी से बचाया जा सकेगा। राहत कार्यों में जुटे अधिकारियों का कहना है कि सुरंग में से मलबा व गाद हटाने का काम तेजी से चल रहा है।
कदम-कदम पर मुश्किल, सुरंग खाली करने में हो रही दिक्क्त
स्थानीय लोगों का कहना है कि सुरंग में हर तरफ अंधेरा पसरा हुआ है। ऐसे में राहत व बचाव टीमों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जबरदस्त कीचड़ होने के कारण कहीं भी पैर धंसने का खतरा बना हुआ है। टनल के अंदर रोशनी नहीं है। ऐसे में कभी-कभी यह तय करना मुश्किल हो रहा है कि अगला कदम क्या उठाना है। मौके की दिक्कतों के चलते लोगों की जान बचाने में मुश्किल हो रही है।
रैणी ने बीआरओ तैयार कर रहा है वैली ब्रिज
आपदा में रैणी गांव को मलारी को जोड़ने वाला वाहन पुल बह गया है और सड़क में हजारों टन मलबा जमा हो गया है। रैणी में रेस्क्यू और नए पुल निर्माण का जिम्मा बीआरओ के शिवालिक प्रोजेक्ट के चीफ इंजीनियर एएस राठौर ने संभाल रखा है। चीफ इंजीनियर राठौर ने बताया कि यहां पर मलबा हटाने और नई सड़क और वैली ब्रिज बनाने का कार्य चल रहा है। इसमें अभी कुछ दिन लग सकते हैं। हमारी कोशिश है कि सड़क मार्ग को जल्द से जल्द बहाल कर दिया जाए। जिससे लोगों को दिक्कतें न हों।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने जाना लोगों का हालचाल
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने सेना अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल जाना। उन्होंने लोगों से बात की और कहा कि सरकार हर कदम पर उनके साथ है। उन्होंने डॉक्टरों की टीम ने घायल विशेष ध्यान रखने को कहा।