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युवाओं को सलाम: दिन भर ऑफिस का काम और शाम को भरते हैं गरीब-जरूरतमंदों का पेट

युवाओं को सलाम: दिन भर ऑफिस का काम और शाम को भरते हैं गरीब-जरूरतमंदों का पेट

लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश सरकार के साथ-साथ शहर के कुछ युवा भी गरीबों और बेसहारा लोगों की मदद के लिए अपने हाथ बढ़ा रहे हैं। पिछले 20 दिनों से पेशे से एमबीए एचआर नूर सिद्दीकी अपने दोस्‍तों के साथ मिलकर उजरियांव रसोई चला रहे हैं। यहां से रोजाना एक डेढ़ हजार लोगों को भोजन बनाकर अस्‍पतालों व गरीब बस्तियों में बांटा जा रहा है।

नूर बताते हैं कि शाम सात बजे कोरोना कर्फ्यू लगने के बाद अस्‍पताल में दूरदराज से अपनों का इलाज कराने आए लोगों के लिए भोजन जुटना मुश्किल होता है। ऐसे में उनको भोजन के पैकेट बांटने से काफी राहत मिलती है।

प्रदेश में 416 कम्‍युनिटी किचन

यूपी सरकार प्रदेश में 416 कम्‍युनिटी किचन के जरिए दिहाड़ी मजदूरों, गरीब बस्तियों और प्रवासी मजदूरों को भोजन वितरण कर रही है। कोरोना काल में कोई भूखा न सोए ऐसे में कुछ निजी संस्‍थाएं सरकार के सहयोग में आगे आई हैं।

नूर सिद्दीकी बताते हैं कि कोरोना काल में लोगों की मदद की जिम्‍मेदारी सिर्फ सरकार की नहीं है। हमें भी सरकार के सहयोग में आगे आना होगा। इसी सोच के साथ करीब एक महीने पहले दोस्‍तों के साथ मिलकर हमने उजरियांव रसोई शुरू की थी। दिन भर सभी दोस्‍त अपने कार्यालय का काम निपटाते हैं। इसके बाद शाम को नि:शुल्‍क रसोई के जरिए लोगों को भोजन वितरण का काम करते हैं।

20 हजार से अधिक लोगों को बांटा भोजन

नूर बताते हैं कि एक महीने में उजरियांव रसोई से 20 हजार से ज्‍यादा लोगों को भोजन के पैकेट वितरित किए गए हैं। इसमें लोहिया अस्‍पताल, केजीएमयू ट्रामा सेंटर के अलावा गोमतीनगर व उजरियांव के आसपास गरीब बस्‍ती में रहने वाले लोगों को भोजन के पैकेट दिए जाते हैं। इसके अलावा रसोई से भी भोजन का वितरण किया जाता है।

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