नई दिल्ली। किताबों को पढ़ने से हमेशा ज्ञान बढ़ता है और उन्हीं को पढ़कर बच्चे आने वाले भविष्य में तरक्की पाते है। लेकिन क्या आपने सोचा है कभी किताबें आपको गलत शिक्षा भी दे सकती है? नहीं ना…तो चलिए आज हम आपको एक ऐसे ‘किताबी ज्ञान’ के बारे में बताते है जो इन दिनों काफी वायरल हो रहा है और उसको पढ़ने वाले शायद यही सोच रहे होंगे क्या ये बात सच है?
हमारी सरकार बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओं योजना को चला रही तो वहीं देश एक कोने में इस योजना को किताब में लिखे शब्द तार-तार कर रहे है। दरअसल महाराष्ट्र के हायर सेकेंड्री स्कूल की समाजशास्त्र किताब में दहेज प्रथा को लेकर कुछ आपत्तिजनक बातें लिखी है। इस किताब में लिखा है, “अगर एक लड़की बदसूरत और अपंग है तो वो अपने परिवार के लिए मुसीबत बन जाती है। उसकी शादी के लिए उन्हें काफी परेशानियां उठानी पड़ती हैं। ऐसी लड़की से से शादी करने के लिए दूल्हा और उसकी फैमिली दहेज की मांग करते हैं। ऐसी लड़की के माता-पिता को उनकी मांग के हिसाब से दहेज जुटान पड़ता है और समाज में दहेज प्रथा की प्रवृत्ति बढ़ती है।”
ऐसा नहीं है कि समाज में दहेज जैसी कुप्रथा अभी से है, ये प्रभा समाज में सदियों से पैर पसारे हुए विराजमान है जिसे खत्म करने के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है लेकिन इस तरह की बातों का किताब में शामिल होना कहीं ना कहीं लोगों के बीच में गलत संदेश फैलाता है। इस किताब में लिखे अंश वायरल होते ही महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक ने गौर करने की बात कही है । बोर्ड के अध्यक्ष गंगाधर ममाने ने कहा है कि इस मुद्दे पर बोर्ड के साथ चर्चा की जाएगी और उसके बाद ही इस पर कोई टिप्पणी की जाएगी।