नई दिल्ली। शिवसेना कार्यकर्ताओं के लिए दशहरे का अवसर पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे का आदेश मानने का होता है। लेकिन कार्यकर्ता तब हैरत में पड़ गए, जब उनसे उद्धव ठाकरे ने माफी मांग ली। शिवसेना कार्यकर्ता हैरान रह गए जब उद्धव ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे सीटें जो गठबंधन की वजह से छूट गई हैं। जहां पार्टी कार्यकर्ताओं को संतोष करना पड़ा है। उसके लिए मैं माफी मांगता हूं।
मुंबई में शिवसेना की दशहरा रैली शिवाजी पार्क में बुलाई गई थी। इस रैली में भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के साथ गठबंधन पर उद्धव ठाकरे पार्टी कार्यकर्ताओं को समझाते नजर आए कि क्यों दोबारा बीजेपी के साथ गठबंधन करने का पार्टी ने फैसला लिया। महाराष्ट्र में शिवसेना की भूमिका बीजेपी के लिए हमेशा से बड़े भाई के तौर पर रही है लेकिन अब समीकरण बदल गए हैं। शिवसेना 124 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, वहीं बीजेपी के 164 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। 288 सीटों पर होने वाले इस गठबंधन में अन्य पार्टियों को भी शामिल किया गया है।
गठबंधन में कम सीटें मिलने पर पहली बार उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘लोग कह रहे हैं कि शिवसेना झुकने के लिए मजबूर की गई। शिवसेना किसी के सामने झुकती नहीं है। समझौता, गठबंधन का एक अंग है। मैं व्यक्तिगत तौर पर शिवसेना कार्यकर्ताओं से माफी मांगता हूं जिन सीटों पर हमारा वोट शेयर नहीं है। हमने महाराष्ट्र के लिए समझौता किया है।
उद्धव ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं से रैली के दौरान पूछा क्या कि क्या आप पार्टी के फैसले से सहमत हैं, जिसका पार्टी कार्यकर्ताओं ने हां में जवाब दिया. उद्धव ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे गठबंधन के लिए काम करें।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह की प्रशंसा की। उद्धव ने अपनी परंपरागत वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित करते हुए शाह को एक ऐसा व्यक्ति करार दिया, जो अपने वादों को पूरा करते हैं और कहा कि अनुच्छेद 370 को समाप्त करना शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे का एक सपना था।
ठाकरे ने कहा, “अमितभाई जो कहते हैं, उसे करते हैं। अनुच्छेद 370 समाप्त होने से बालासाहेब ठाकरे का सपना पूरा हुआ है अब हम समान नागरिक संहिता चाहते हैं। उद्धब ठाकरे अपने पूरे भाषण में सिर्फ इसी पर जोर देते नजर आए कि उन्होंने बीजेपी के साथ गठबंधन का फैसला क्यों किया। उद्धव ठाकरे ने जोर दिया कि उनकी पार्टी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। शिवसेना राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग करती आई है। शिवसेना प्रमुख हालांकि इस दौरान यह कहने से बातचीत नजर आए कि महाराष्ट्र सरकार में वे मुख्यमंत्री पद चाहते हैं या मुख्यमंत्री जैसी ताकत। हालांकि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी को लेकर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि अगली दशहरा रैली में पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के बगल में शिवसेना का मुख्यमंत्री बैठी होगा।
वहीं मुंबई में शिवसेना की दशहरा रैली को संबोधित करते हुए संजय राउत ने कहा कि इस बार के विधानसभा चुनाव में हम 100 से ज्यादा सीटें जीत रहे हैं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के खिलाफ किसी की बोलने की हिम्मत नहीं हुई लेकिन उद्धव ठाकरे ने बोला। ठाकरे ने यह भी कहा था कि गलत नीतियों के कारण अर्थव्यवस्था की गति धीमी हो गई थी।