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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान- भारत और चीन जैसे देशों की आर्थिक मदद करना पागलपन है

डोनाल्ड ट्रंप आज लेंगे शपथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान- भारत और चीन जैसे देशों की आर्थिक मदद करना पागलपन है

नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि वह बढ़ती अर्थव्यस्था वाले देश जैसे कि चीन और भारत को मिल रहे अनुदान को खत्म करना चाहते हैं क्योंकि इन देशों को आर्थिक मदद देना पागलपन है।  ऐसा इसलिए क्योंकि वह अमेरिका को भी विकासशील देश मानते हैं और चाहते हैं कि किसी भी देश की तुलना में अमेरिका अन्य देशों के मुकाबले में ज्यादा तेजी के साथ आगे बढ़े। उत्तरी डकोटा स्थित फार्गो सिटी के एक अनुदान संचय समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) पर चीन को सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की इजाजत देना का आरोप लगाया।

डोनाल्ड ट्रंप आज लेंगे शपथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान- भारत और चीन जैसे देशों की आर्थिक मदद करना पागलपन है

हमारे पास इनमें से कुछ देश हैं

ट्रंप ने कहा, ‘हमारे पास इनमें से कुछ देश हैं जिन्हें बढ़ती अर्थव्यवस्था माना जाता है। कुछ देश अभी तक उतने परिपक्व नहीं हुए हैं इसलिए हम उन्हें अनुदान दे रहे हैं। यह पूरी बात मूर्खतापूर्ण है। जैसे कि भारत, चीन और अन्य देश हैं जिन्हें हम कहते हैं कि अच्छा यह सच में बढ़ रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि वह खुद को विकासशील देश कहते हैं और उस श्रेणी के अंतर्गत हमसे अनुदान लेते हैं।

हम उन्हें पैसा देते हैं। यह पूरी बात पागलपन है

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘हम उन्हें पैसा देते हैं। यह पूरी बात पागलपन है लेकिन हम इसे रोकने वाले हैं। हमने इसे रोक दिया है। हम भी विकासशील देश हैं। ठीक है? जहां तक मेरा सवाल है, हम विकासशील देश हैं। हम भी उसी श्रेणी में खुद को नामित करना चाहते हैं क्योंकि हम भी बढ़ रहे हैं। हम किसी और से ज्यादा तेजी से आगे बढ़ने वाले हैं।’

डब्ल्यूटीओ पर हमला करते हुए ट्रंप ने कहा कि वह सबसे बदतर है। उन्होंने कहा, ‘लेकिन बहुत से लोगों को नहीं पता कि वह क्या है जिसने चीन को महान आर्थिक शक्ति बनने की इजाजत दी।’ चीन और अमेरिका के बीच चल रहे व्यापार युद्ध को लेकर उन्होंने कहा, ‘मैं चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का बहुत बड़ा फैन हूं लेकिन मैंने उनसे कहा हमें निष्पक्ष होना चाहिए।’

हम चीन को अमेरिका से सालाना 500 बिलियन डॉलर ले जाने

राष्ट्रपति ने कहा, ‘हम चीन को अमेरिका से सालाना 500 बिलियन डॉलर ले जाने और खुद का पुनर्निर्माण करने नहीं देंगे।’ उन्होंने कहा कि अमीर देशों को बाहरी नुकसान से सुरक्षित रखने के लिए अमेरिका को भुगतान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है यह सही है लेकिन वह हमें भुगतान नहीं करते हैं। हम पूरे विश्व को देख रहे हैं और वह इसे स्वीकृत के तौर पर लेते हैं हम सालों से इन देशों की रक्षा कर रहे हैं।’

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