लखनऊ। पीजीआई की कोतवाली पुलिस ने बुधवार देर रात चेकिंग के दौरान दो फर्जी अफसरों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने चेकिंग के दौरान दिल्ली नबंर की एक नीली बत्ती लगी, जिसपर भारत सरकार लिखा था, गाड़ी को संदिग्धा मानकर रोक लिया।
गाड़ी में सवार दो लोगों से जब परिचय पूछा गया तो उसमें बैठे लोगों ने अपने आप को वाणिज्य कर अधिकारी बताया और पुलिस को दबाने की कोशिश करने लगे। पुलिस को जब उनकी बातों पर संदेह हुआ तो उन्होंने गहराई से पूछताछ शुरू की, जिसके बाद दोनों का झूठ पकड़ा गया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
रेमडेसिविर इंजेक्शन की करते थे कालाबाजारी
इंस्पेक्टर आनंद प्रकाश शुक्ल ने जानकारी देते हुए बताया कि इन आरोपियों का नाम रितेश उपाध्याय और अखंड प्रताप सिंह है। ये कभी अपने आप को वाणिज्य कर अधिकारी तो कभी इनकम टैक्स विभाग का असिस्टेंट कमिश्नर बता रहे थे। दोनों नीली बत्ती लगाकर मारुति डिजायर से कोरोना में काम आने वाली दवाईयां और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहे थे।
जांच में सामने आया कि इनके गिरोह के कुछ साथियों को गाजीपुर पुलिस ने दो दिन पहले गिरफ्तार किया था, जिनसे हुई पूछताछ के बाद पुलिस को इन आरोपियों की तलाश थी।