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महाराष्ट्र में मतदान के लिए होंगे दो विकल्प, विधानसभा स्पीकर ने उद्धव सरकार को दिए कानून बनाने के निर्देश

WhatsApp Image 2021 02 03 at 3.47.57 PM महाराष्ट्र में मतदान के लिए होंगे दो विकल्प, विधानसभा स्पीकर ने उद्धव सरकार को दिए कानून बनाने के निर्देश

मुबंई। जैसा कि सभी जानते हैं चुनाव के दौरान विपक्ष द्वारा सरकार पर ईवीएम में गड़बड़ी करने के आरोप लगाए जाते हैं। जिसके चलते चुनावी प्रक्रिया से पहले इस बार महाराष्ट्र में दोनों तरह के विकल्प मतदाताओं को मिल सकते हैं। ये दो विकल्प ईवीएम और बैलेट पेपर है। जिसके चलते मतदाता कोई सा भी विकल्प चुन सकता है। इसके लिए महाराष्ट्र के विधानसभा स्पीकर नाना पटोले ने मंगलवार को इस संबंध में राज्य सरकार को कानून बनाने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही इस मसले पर चर्चा के लिए एक बैठक भी आयोजित की गई थी। जिसमें राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख, राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी बलदेव सिंह और अन्य लोग भी बैठक के लिए मौजूद थे।

मतदान एक मौलिक अधिकार है- विधानसभा स्पीकर

बता दें कि देश में चुनावों के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी करने की खबर सुनने को मिल ही जाती है। कभी-कभी ऐसा होता है कि चुनाव शुरू होने से पहले ही ईवीएम में खराबी आ जाती है। जिसके चलते चुनाव कुछ देर से होते हैं। इसके साथ ही महाराष्ट्र में अब मतदाता ईवीएम और बैलेट पेपर में कोई सा भी विकल्प चुन सकता है। इसके लिए विधानसभा स्पीकर नाना पटोले ने मंगलवार को इस संबंध में राज्य सरकार को कानून बनाने का निर्देश दिया है। जानकारी के लिए बता दें कि स्पीकर नाना पटोले के फेसबुक पेज पर जारी एक बयान के अनुसार नागपुर के रहने वाले प्रदीप उके नामक शख्स ने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष इस संबंध में एक आवेदन दिया था और उसी के अनुसार विधान भवन में उसी पर चर्चा के लिए एक बैठक आयोजित की गई थी। इसके साथ ही इवीएम से छेड़छाड़ की शिकायतों की ओर इशारा करते हुए समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में नाना पटोले ने कहा कि मैंने राज्य सरकर से इस संबंध में एक कानून बनाने को कहा है। राज्य सरकार एक कानून बना सकती है। इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि मतदान एक मौलिक अधिकार है और किसी को भी बैलेट पेपर या ईवीएम का उपयोग करके वोट डालने का विकल्प होना चाहिए।

कानून बनाने की जिम्मेदारी विधायिका की- अधिवक्ता सतीश उके

इसके साथ ही बीते मंगलवार को आवेदक की ओर से अधिवक्ता सतीश उके ने कहा कि यह मतदाताओं का अधिकार है कि उनके पास ईवीएम के साथ-साथ बैलेट पेपर के माध्यम से भी वोट डालने का विकल्प हो। इसके आगे उन्होंने कहा कि ईवीएम या बैलेट पेपर विश्वसनीय हैं या नहीं, यह तय करने के लिए लोगों पर छोड़ दिया जाना चाहिए और यह विधायिका की जिम्मेदारी है कि वह सार्वजनिक जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए एक कानून बनाए।

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