कर्नाटक में राजनीतिक नाटक शुरू हो गया है। ये नाटक काफी तूल पकड़ सकता है। मंगलवार को एक निर्दलीय विधायक एच नागेश और केपीजेपी पार्टी के विधायक आर शंकर ने राज्य की एचडी कुमारस्वामी नीत जेडीएस-कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। कर्नाटक की 224 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 104 विधायक, कांग्रेस के 79, जेडीएस के 37, बसपा, केपीजेपी और निर्दलीय के एक-एक विधायक हैं। बसपा के साथ ही केपीजेपी और निर्दलीय विधायक भी गठबंधन सरकार का समर्थन में थे।
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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारस्वामी पर उनके विधायक तोड़ने का आरोप लगाया है। भारतीय जनता पार्टी के 104 विधायक देश की राजधानी दिल्ली से लगे गुरुग्राम के एक रिसॉर्ट में डेरा डाले हैं। केरल बीजेपी के प्रमुख और पूर्व सीएम बी. एस. येदियुरप्पा ने कहा है कि जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) भाजपा विधायकों को तोड़ना चाहती है। हम लोग एक साथ हैं। योदियुरप्पा ने कहा कि हम लोग दिल्ली में अभी एक-दो दिन रुकेंगे। वहीं कांग्रेस के पांच विधायक के भी अलोप होने की खबर है। अटकलें लगाईं जा रही हैं कि ये विधायक भाजपा के संपर्क में हैं।
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येदियुरप्पा इस बात को खारिज कर दिया कि सरकार गिराने के लिए भाजपा पार्टी ‘ऑपरेशन कमल’ में लगी हुई है। उन्होंने बताया, ‘हम लोग 104 भाजपा विधायक हैं और सभी साथ हैं। येदियुरप्पा ने कहा कि हमें गुरुग्राम में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाने के लिए बुलाया गया है। सरकार बनाने को लेकर कोई बातचीत नहीं हो रही है। राज्य के सत्ताधारी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन और भाजपा ने एक-दूसरे पर विधायकों को लालच देकर तोड़ने के आरोप लगाए हैं। हालांकि राज्य के मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने कहा कि स्थिर सरकार चलाने के लिए उनके पास ‘पर्याप्त संख्या बल’ है।