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लखनऊ: दो IAS अधिकारी भी संक्रमित, अब शहर में शवदाह के लिए हो रही ये व्‍यवस्‍था  

लखनऊ: दो IAS अधिकारी भी संक्रमित, अब शहर में शवदाह के लिए हो रही ये व्‍यवस्‍था  

लखनऊ: राजधानी में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। शनिवार को बीते 24 घंटे में 4059 नए कोरोना मरीज सामने आए। वहीं, 23 मरीजों की मौत हो गई। इसी बीच शहर में दो आइएएस अधिकारी को कोरोना संक्रमित हो गए।

जानकारी के मुताबिक, राजस्व परिषद चेयरमैन दीपक त्रिवेदी और एसीएस देवेश चतुर्वेदी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं। दीपक त्रिवेदी को इलाज के लिए पीजीआइ में भर्ती कराया गया है।

नगर आयुक्‍त ने निकाला टेंडर   

उधर, शहर में कोविड से बढ़ती मौतों और अंतिम संस्कार में आ रही दिक्कतों को देखते हुए विद्युत शवदाह की पांच और मशीनें लगाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए शनिवार को नगर आयुक्त ने टेंडर निकाल दिया है। इसके मुताबिक, 15 दिनों बाद इन मशीनों को लगाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि, अंतिम संस्‍कार में आ रही दिक्‍कतों को देखते हुए पांच और मशीनों को लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बैकुंठ धाम में तीन मशीन लगाई जाएगी। इनमें एक पुरानी मशीन हटाकर नई लगाई जाएगी, जबकि दो नई मशीनें लगेंगी। इसके अलावा एक मशीन गुलाला घाट पर बढ़ाई जाएगी। साथ ही आलमबाग में एक नया विद्युत शवदाह गृह स्थापित होगा।

आठ घंटे की लग रही लंबी लाइन

दरअसल, राजधानी में कोरोना से हालात बदतर होते जा रहे हैं। आलम यह है कि शवों को जलाने के आठ-आठ घंटे की लाइन लग रही है। हालात खराब होते देख नगर निगम ने अब लकड़ी से जलाने के लिए व्यवस्था शुरू कर दी है। इसके लिए छह अलग जगहों को निर्धारित किया गया है।

नगर निगम उठा रहा खर्च

सामान्‍य स्थिति में लकड़ी से शव जलाने पर लकड़ी आदि का खर्च देना होता है। मगर, कोरोना के शवों को जलाने का खर्च नगर निगम ही उठा रहा है। शहर में प्रतिदिन करीब 30-40 कोरोना के मरीजों के शव जलाए जा रहे हैं। वहीं, हालात को देखते हुए नगर निगम अतिरिक्त व्यवस्था करने की भी योजना बना रहा है।

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