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लखनऊ में शुरू हो रहा दो दिवसीय इन्वेस्टर्स समिट, यूपी सरकार उत्साहित

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नई दिल्ली। लखनऊ में बुधवार से दो दिवसीय इन्वेस्टर्स समिट शुरू हो रहे हैं। जिसका उद्दघाटन पीएम मोदी करेंगे और आखिरी दिन समापन राष्ट्रपति करेंगे। इस समिट को लेकर यूपी सरकार काफी उत्साहित है और उसे भरोसा है कि इसके जरिए राज्य में करीब चार लाख करोड़ का निवेश आ सकता है। लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में होने वाले इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के अलावा केंद्र सरकार के क़रीब डेढ़ दर्जन मंत्री भी शामिल हो रहे हैं। 30 सत्रों में होने वाले इस सम्मेलन में देश के तमाम उद्योगपतियों के अलावा जापान, नीदरलैंड, मॉरीशस समेत सात देश कंट्री पार्टनर के रूप में हिस्सा ले रहे हैं।

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बता दें कि उत्तर प्रदेश के उद्योग मंत्री सतीश महाना का कहना है कि सम्मेलन शुरू होने से पहले ही सैकड़ों एमओयू पर हस्ताक्षर हो चुके हैं कि हम लोग इसे लेकर बेहद उत्साहित हैं क्योंकि ख़ुद प्रधानमंत्री इसमें आ रहे हैं। इस समिट से देश विदेश के निवेशकों में ये विश्वास जगेगा कि उत्तर प्रदेश में निवेश का माहौल तैयार हो रहा है। क़रीब 900 एमओयू पर सम्मेलन शुरू होने से पहले ही हस्ताक्षर हो चुके हैं। हालांकि जिन एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं, उनकी विस्तृत जानकारी उद्योग मंत्री ने नहीं दी लेकिन उनका कहना था कि वो इसे लेकर काफ़ी उत्साहित हैं।

वहीं राज्य सरकार का अनुमान है कि वो इन्वेस्टर्स समिट के ज़रिए क़रीब चार लाख करोड़ रुपए का निवेश जुटा लेगी। सम्मेलन की तैयारी काफ़ी पहले से हो रही है और ख़ुद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी इसे लेकर सक्रिय हैं। मुख्यमंत्री योगी भी कह चुके हैं कि निवेश से रोजगार के अनेक अवसर सृजित होंगे और प्रदेश के नौजवानों को रोजगार मिलेगा।

साथ ही सरकार को मुख्य रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर, खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन और ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश की ज़्यादा उम्मीद है। उद्योग मंत्री सतीश महाना का कहना था कि सम्मेलन में उद्यमियों के लिए घर वापसी का एक विशेष सत्र होगा जिसमें उन उद्यमियों को शामिल किया गया है, जो यूपी छोड़कर दूसरे प्रदेश में जाकर बिज़नेस कर रहे हैं। सरकार का अनुमान है कि वो निवेश के लिए उचित माहौल बना रही है और इस माहौल में निवेशक उत्तर प्रदेश की ओर आकर्षित होंगे लेकिन जानकारों का कहना है कि सिर्फ़ सम्मेलन कर देने से माहौल तैयार नहीं होता और निवेश लायक़ माहौल सिर्फ़ राज्यों के ही चाहने से नहीं तैयार होता।

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