नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने विधवाओं के आश्रय और पुनर्वास के लिए दिए गए उसके दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने पर 12 राज्यों पर दो-दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। जिन राज्यों ने आदेश का पालन किया है लेकिन अधूरी सूचना दी है उन पर सुप्रीम कोर्ट ने एक-एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
बता दें कि जिन राज्यों पर दो-दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है उनमें उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, मिजोरम, असम, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं। विधवाओं के हालात सुधारने पर सुझाव के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 5 सदस्यीय कमिटी बनाई थी। इस कमेटी में एनजीओ जागोरी की सुनीता धर, गिल्ड फॉर सर्विस की मीरा खन्ना, वकील और सामाजिक कार्यकर्ता आभा सिंघल जोशी, हेल्प एज इंडिया और सुलभ इंटरनेशनल का एक-एक प्रतिनिधि शामिल हैं।
वहीं पिछले 18 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि जिन विधवाओं की उम्र कम है उनके पुनर्विवाह के बारे में योजना बनाएं। कोर्ट ने विधवा कल्याण के रोडमैप पर एतराज जताते हुए कहा कि विधवा महिलाओं से बेहतर खाना जेल के कैदियों को मिलता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 18 साल से कम उम्र की लड़कियों की शादी कैसे हो सकती है। उनके विधवा होने पर उनका परिवार कैसे छोड़ सकता है।