नई दिल्ली: आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद हमारे भारत में आज भी अंधविश्वास कहीं न कहीं अपनी जगह पूरी तरह बनाए हुए है। रोज अंधविश्वास की कई घटनाएं देश की सुर्खियों में छाई रहती हैं। ऐसा ही मामला मध्यप्रदेश के श्योपुर जिला में देखने को मिला है। जहां एक किसान और उसके परिवार का उनके गांव से बेदखल कर दिया गया है।
गांव से निष्कासित करने का फैसला
आपको बता दें कि यह जिला भोपाल से 402 किलो मीटर उत्तर में स्थित है। जानकारी के मुताबिक कि किसान और उसके परिवार को इसलिए बेदखल किया गया है क्योंकि उनसे गलती से एक गाय की मौत हो गई थी। फिर गांव में एक पंचायत बुलाई गई। जहां गांव की पंचायत ने तुगलकी फरमान सुनाते हुए 36 साल के पप्पू प्रजापति के परिवार को गांव से निष्कासित करने का फैसला लिया।
गांव के अंदर आने के लिए करना पडेगा यह काम
साथ ही उस दौरान गांव के सरपंच पंचम सिंह चौहान के नेतृत्व में पंचायत सदस्यों ने घोषणा की कि इस परिवार को गांव के अंदर आने की इजाजत तभी दी जाएगी जब सभी सदस्य गंगा स्नान करके ‘कन्या और ब्राह्मण भोज’ के बाद सामूहिक भोज का आयोजन करेंगे और एक गाय का दान करेंगे।
वहीं प्रजापति ने कहा, ‘वह अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉली को पार्क कर रहे थे। तभी गलती से उन्होंने जमीन पर बैठी एक गाय को टक्कर मार दी। गाय की मौके पर मौत हो गई। गांव वालों ने गाय की मौत को गौ हत्या बताते हुए पंचायत बुलाई।’ उन्होंने कहा कि पंचायत के सामने की गई उनकी सारी प्रार्थना बेकार गई और उन्हें सजा सुना दी गई।
पंचायत के एक सदस्य ओम प्रकाश गौतम ने कहा, ‘चूंकि प्रजापति गौ हत्या का दोषी पाया गया है। इसलिए उसे और उसके परिवार को तपस्या के जरिए इस पाप से छुटकारा पाना होगा।’ हालांकि श्योपुर जिला के अपर कलेक्टर राजेंद्र राय ने कहा, ‘हमें इस बारे में कोई सूचना नहीं मिली है लेकिन हम इस मामले को देखेंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे।’ वहीं प्रजापति गांव छोड़कर गंगा में डुबकी लगाने के लिए परिवार सहित निकल चुके हैं।