अमेरिका – व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बाडइन प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि जब अमेरिका पहले से ही स्वच्छ है लेकिन चीन, रूस और भारत स्वच्छ नहीं है तो ऐसे में इससे जुड़ने का क्या फायदा है। गौरतलब है कि हाल ही में अमेरिका ने पेरिस के साथ जलवायु समझौता किया है।
पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प के निर्देश पर इस समझौते से अलग हुआ था अमेरिका –
बताया जा रहा है कि कुछ महीने पहले पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के निर्देश पर अमेरिका ने पेरिस के साथ जलवायु समझौता रद्द किया था। उनका ऐसा मानना था कि हमारे पास सबसे स्वच्छ हवा एवं पानी है फिर क्यों हम पेरिस के साथ जलवायु समझौता करे। साथ ही उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम चीन ने दस सालों में कोई कदम नहीं उठाया। रूस पुराने मापदंड पर चलता है जो स्वच्छ मापदंड नहीं है लेकिन हम शुरू से ही इसकी चपेट में आ गए जब हमें हजारों एवं लाखों नौकरियां गंवानी पड़ी। और हम बहुत पीछे चले गए थे।
इस समझौते को वापस लिया जाये :ट्रम्प
बताया जा रहा है कि फ्लोरिडा के ओरलैंडो में कंजरवेटिव राजनीतिक कार्रवाई समिति में अपने संबोधन में 74 वर्षीय नेता डोनाल्ड ट्रम्प ने बिना बेहतर सौदा किये पूर्ण रूप से भेदभावकारी एवं महंगे पेरिस समझौते में अमेरिका को वापस लाने को लेकर बाडइन प्रशासन को खूब खरी खोटी सुनाई। साथ ही इस समझौते को वापस लेने का बाडइन प्रशासन से आग्रह भी किया। साथ ही उन्होंने अपने समर्थकों की वाहवाही के बीच कहा कि हमारे पास सबसे स्वच्छ हवा एवं पानी है लेकिन उसका तब क्या लाभ है जब हम तो स्वच्छ हैं लेकिन चीन नहीं है, रूस नहीं है और भारत स्वच्छ नहीं है, वे धुंआ छोड़ रहे है आप जानते है कि हमारी दुनिया ब्रह्मांड का एक छोटा टुकड़ा है और हम हर चीज बचाने का प्रयास कर रहे है। बता दे कि व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प का यह पहला पब्लिक अभिभाषण है। जिसमे उन्होंने बाडइन प्रशासन के इस फैसले पर जमकर हमला बोला।