अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया है कि अमेरिका देश मध्यम दूरी परमाणु शक्ति (आईएनएफ) संधि से अलग हो जाएगा। याद दिला दें कि इस पर अमेरिका ने शीत युद्ध के दौरान रूस के साथ हस्ताक्षर किए थे। ट्रंप ने आरोप लगाया कि रूस ने इस समझौते का ‘उल्लंघन’ किया है। उन्होंने नेवादा में शनिवार को पत्रकारों से कहा कि हम समझौते को खत्म कर के इससे बाहर होने जा रहे हैं।
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ट्रंप पूंछने पर कहा कि उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन चाहते हैं कि अमेरिका तीन दशक पुरानी संधि से अलग हो जाए।उन्होंने कहा कि हमें उन हथियारों को बनाना होगा।साल 1987 में अमेरिका के राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और उनके तत्कालीन यूएसएसआर समकक्ष मिखाइल गोर्बाचेव ने मध्यम दूरी और छोटी दूरी की मिसाइलों का निर्माण नहीं करने के लिए आईएनएफ संधि पर हस्ताक्षर किए थे।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि जब तक रूस और चीन एक नए समझौते पर सहमत ना हो जाएं तब तक हम समझौते को खत्म कर रहे हैं। अमेरिका ने कहा कि हम वो हथियार बनाने जा रहे हैं।जिन्हे संधि मे नहीं बनाने का करार हुआ था।ट्रंप ने आरोप लगाया कि रूस ने समझौते का उल्लंघन किया है। रूस कई वर्षों से इसका उल्लंघन कर रहे हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा कि हम उन्हें परमाणु समझौते का उल्लंघन करने और हथियार बनाने नहीं दे रहे और हमें भी ऐसा करने की अनुमति नहीं है। जब तक रूस और चीन हमारे पास नहीं आते और कहते कि चलिए हमारे में से कोई उन हथियारों को न बनाए। तब तक हमें उन हथियारों को बनाना होगा लेकिन अगर रूस और चीन यह कर रहे हैं और हम समझौते का पालन कर रहे हैं तो यह स्वीकार्य नही है।
अमरेकी राष्ट्रपति ने कहा जब तक दूसरे देश इसका उल्लंघन करते रहेंगे तब तक अमेरिका इस समझौते का पालन नहीं करेगा। ट्रंप ने आरोप लगाया कि उनके पूर्ववर्ती बराक ओबामा ने इस पर चुप्पी साधे रखी थी। ट्रंप ने कहाकि मुझे नहीं पता कि क्यों राष्ट्रपति ओबामा ने बातचीत करने या बाहर निकलने की कोशिश नहीं की।