वाशिंगटन। पूर्व सरकार के कई फैसले पलट चुकी ट्रंप सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार का एक और सरकार फैसला बदल दिया है। ट्रंप सरकार ने ‘लेट गर्ल लर्न’ शिक्षा प्रकल्प को बंद करने के निर्देश दिए हैं। इस प्रकल्प की शुरुआत साल 2015 में अमेरिका की तत्कालीन प्रथम महिला मिशेल ओबामा ने की थी। ट्रंप के इस निर्णय से विकासशील देशों में बालिका शिक्षा अभियान को एक बड़ा झटका लगेगा।
अमेरिकी सहयोग से भारत ने भी ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ’ योजना की शुरूआत की थी। इस निर्देश से भारत में उन गैर सरकारी संगठनों को झटका लगेगा, जो ‘लेट गर्ल लर्न’ के जरिए अमेरिकी मदद ले रहे हैं, जबकि ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ’ योजना अब मोदी सरकार की एक प्रमुख योजना में शुमार हो चुकी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मिशेल ओबामा ने विश्व बैंक और अमेरिकी एजेंसियों की मदद से 50 विकासशील देशों में उनकी सरकारों की मदद से किशोर बालिकाओं को स्कूली शिक्षा देने और पुरुषों के समकक्ष लाए जाने की शुरूआत की थी। विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अनेक एजेंसियों की मदद से पिछले साल 65 अरब रुपये व्यय करने का संकल्प लिया था।
यूनेसको की एक रिपोर्ट के अनुसार, विश्व में 13 करोड़ बालिकाएं ऐसी हैं, जिन्हें स्कूली शिक्षा का मौका नहीं मिल रहा है। बताया जाता है कि ट्रंप प्रशासन में महिला मामलों की सलाहकार इवांका ट्रंप किसी बड़ी योजना की घोषणा करने वाली हैं।
विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के सहयोग से शुरू की गई इस योजना के बंद होने से भारत को झटका लगा है। ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ’ योजना बहुत आगे बढ़ चुकी है। इस प्रकल्प को बंद किए जाने के अधिकारिक निर्देश एक ई-मेल के जरिए पीस कोर की निदेशक शीला क्राले को जारी किए गए हैं। यह प्रक्लप ‘पीस कोर और यू एस एजेंसी फाॅर इंटरनेशनल डेवलपमेंट’ और पीस कोर की ओर से चलाया जाता है।