नई दिल्ली। टाटा मोटर्स को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के सिंगूर में टाटा नैनो प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहीत की गई करीब 1,000 एकड़ जमीन का अधिग्रहण रद्द कर दिया है। टाटा के साथ-साथ इसे वामदलों के लिए भी जोरदार झटका माना जा रहा है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने तत्कालीन बुद्धदेब भट्टाचार्य सरकार पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार ने सत्ता के साथ फ्रॉड किया। सुप्रीम कोर्ट ने अब किसानों को उनकी जमीन लौटाने के लिए 12 हफ्ते का वक्त दिया है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के सिंगुर में एक दशक पहले तत्कालीन सरकार ने टाटा की लखटकिया कार नैनो के कारखाने के लिए 997 एकड़ भूमि अधिगृहित की थी। जिसमें कुछ किसानों की जमीन जबरदस्ती हथियाने की खबरें सामने आई थी। इस पूरे मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी ने जोरदार विरोध किया था। इसके बाद टाटा ने अपना कारखाना गुजरात स्थानांनतरित कर लिया था। वर्ष 2011 में सत्ता आने के साथ ही ममता बनर्जी ने अनिच्छुक किसानों की जमीन वापस लौटाने के लिए ‘सिंगूर जमीन पुनर्वासन व उन्नयन कानून’ के नाम से एक कानून बनाया था।
ममता सरकार द्वारा बनाए गए इस कानून को टाटा मोटर्स ने कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनौती दी। कलकत्ता हाईकोर्ट ने टाटा के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उक्त कानून को अवैध और असंवैधानिक करार दिया। पश्चिम बंगाल ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी जिस पर आज कोर्ट ने फैसला सुनाया है।