उत्तराखंड। आज राज्य के लिए बहुत ही ऐतहासिक दिन है, क्योंकि आज ही के दिन यानि 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड अलग राज्य के रूप में उभर के सामने आया था। आज के दिन ही उत्तराखंड उत्तर प्रदेश से अलग होकर एक नया राज्य बना था। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में भी उत्तराखंड वासियों के मन में 21वां जन्मदिन मनाने की खुशी चेहरे पर अलग ही झलक रही है। राज्य के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड को शीर्ष पर पहुंचाने का अथक प्रयास कर रहे हैं। उनके द्वारा कोरोना काल में दूसरे राज्यों से काम आए मजदूरों के लिए आर्थिक स्थिति को फिर से परिपूर्ण करने के लिए नई-नई योजनाएं चलाकर राज्य को बढ़़ाने के अथक प्रयास किए जा रहे हैं।
उत्तराखंड देश के सबसे तेजी से विकास करने वाले राज्यों में रहेगा शामिल-
बता दें कि पिछले बीस वर्षों में उत्तराखंड में काफी विकास हुआ। उत्तराखंड हमेशा देश के सबसे तेजी से विकास करने वाले राज्यों में शामिल रहेगा। राज्य की व्यावहारिक औद्योगिक नीति से उत्तराखंड में बड़ी मात्रा में निवेश हुआ। इन नीतियों से वर्ष 2015-2021 के मध्य राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (एसजीडीपी) की वार्षिक वृद्धि दर 10.62 प्रतिशत रही। इसका आकार 2.93 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचने की उम्मीद है। प्रतिव्यक्ति आय भी राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है। हमारी सरकार आने वाले वर्षों में उत्तराखंड को एक आत्मनिर्भर, समृद्ध और विकसित राज्य के रूप में देख रही है। इसके लिए, हमने दस साल का विजन 2030 पेपर भी तैयार किया है। इसमें शिक्षा और कौशल विकास, उद्योग, पर्यावरण, बुनियादी ढांचा, कृषि, पर्यटन, स्वास्थ्य और परिवहन सेक्टर पर फोकस होरहा है। आलवेदर रोड, ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल मार्ग, चारधाम रेल कनेक्टिविटी और हेली सेवाओं का विस्तार आने वाले वर्षों में राज्य के तीव्र विकास के मजबूत आधार बनेंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बोले- पर्यटन और उद्योग हमारा प्रमुख सेक्टर है। ये राज्य की तरक्की और रोजगार दोनों का आधार है। कोरोना काल में यह बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। इसे दोबारा पटरी पर लाना हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौतीहै। हम मानते हैं कि यह अस्थाई संकट है। हम एडवेंचर और वेलनेस टूरिज्म के जरिए राज्य को एक वैश्विक पर्यटन स्थल बनाना चाहते हैं। हमारा लक्ष्य वर्ष 2030 तक राज्य को देश के शीर्ष तीन पर्यटन स्थलों में स्थान दिलवाना है।
भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि रही- सीएम
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बोले-भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि रही है। सरकार में आते ही बड़ी कार्रवाई शुरू की। एनएच-74 भूमि मुआवजा घोटाला इसका उदाहरण है। इसमें किसी को नहीं बख्शा गया। कई लोग जेल गए। भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी जंग लगातार जारी है। हमने उत्तराखंड का सचिवालय और मुख्यमंत्री आवास को दलालों और माफिया से मुक्त कराया। सभी भ्रष्ट माफिया लोग हैं। अपने हितों पर चोट लगने से वे एकजुट हो रहे हैं। वे सरकार को घेरने का प्रयास कर रहे हैं। सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं। तमाम तरह की धमकियां दे रहे हैं। लेकिन भ्रष्टाचारियों के सामने न झुके हैं न झुकेंगे। यह हमारा वादा है कि इनको कभी सरकार में लिप्त नहीं होने देंगे। हमने सत्ता संभालते समय यह वादा किया था कि भ्रष्टाचार मुक्त शासन देंगे और भ्रष्टाचार मुक्त विकास करेंगे। हमने खनन, निर्माण, वन और शराब के अवैध धंधे से पोषित हो रहे भ्रष्ट माफिया की कमर तोड़ी है। हमारी सरकार ने सुशासन की दिशा में कई कार्य किए। सचिवालय में ई ऑफिस शुरू किया ताकि फाइलों को ट्रैक किया जा सके। सीएम डैश बोर्ड बनाया। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर दिया। 1905 पर दर्ज शिकायतों का समाधान तब तक नहीं माना जाता जब तक शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं हो जाता। तमाम कार्यालयों में लचर सिस्टम पर जो जंग लगा था, उसे हमने झाड़ने का काम किया। इससे कुछ लोगों को परेशानी भी हुई।
कर्मचारियों के मसलों पर संवाद का सिलसिला शुरू किया-
हमारी सरकार आने वाले वर्षों में उत्तराखंड को एक आत्मनिर्भर, समृद्ध और विकसित राज्य के रूप में देख रही है। इसके लिए, हमने दस साल का विजन 2030 पेपर भी तैयार किया है। इसमें शिक्षा और कौशल विकास, उद्योग, पर्यावरण, बुनियादी ढांचा, कृषि, पर्यटन, स्वास्थ्य और परिवहन सेक्टर पर फोकस होरहा है। आलवेदर रोड, ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल मार्ग, चारधाम रेल कनेक्टिविटी और हेली सेवाओं का विस्तार आने वाले वर्षों में राज्य के तीव्र विकास के मजबूत आधार बनेंगे। हमने कर्मचारियों के मसलों पर संवाद का सिलसिला शुरू किया। पहली बार रिकार्ड विभागीय पदोन्नतियां हुईं। उत्तराखंड हड़ताली प्रदेश बन गया था। वर्ष 2017 में 22 हजार धरने प्रदर्शन हुए थे। लेकिन आज इनमें भारी कमी आई है। हमने आशा कार्यकर्ता के बारे में सोचा। उनका मानदेय तीन गुना बढ़ाया।
कोरोनाकाल में उत्तराखंड लौटे प्रवासियों के लाए मुख्यमंत्री रोजगार योजना
हमारा पूरा जोर कृषि, बुनियादी ढांचे और उद्योगों के विकास पर है। हम ऊर्जा विकल्पों के उपयोग को बढ़ावा दे रहे हैं। हमारी योजना कृषि में विविधता को बढ़ावादेने की है। हम बागवानी, सुगंधित और औषधीय पौधों की खेती पर जोरदेने की योजना बना रहे हैं। आय बढ़ाने के लिए पशुपालन को बढ़ावा देने की योजना पर भी काम कर रहे हैं ताकि रोजगार सृजन में भी मदद मिलेगी। हाइड्रोपावर सरकारी नीति के केंद्र में है। हमने राज्य को हरित ऊर्जा के क्षेत्र में दुनिया के शीर्ष पर ले जाने का लक्ष्य रखा है। सूक्ष्म और लघु उद्यमों को बढ़ावा देने की योजना बना रहे हैं। हम राज्य में रोजगार बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पिछले साढ़े तीन वर्षों से लगातार इस पर काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना लाए हैं। इस योजना में 150 प्रकार के कार्य शामिल किए गए हैं। इनमें कृषि, लघु उद्योग, आतिथ्य, कल्याण और प्रसंस्करण क्षेत्रों से संबंधित कार्य शामिल हैं। इसके एक भाग के रूप में, हमने 10 से 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी की व्यवस्था है। लोगों को अपना उद्यम शुरू करने के लिए प्रेरित करने के लिए, योजना के तहत 25 लाख रुपये तक के ऋण की भी व्यवस्था की गई है। इस योजना के तहत अब तक हजारों लोगों ने अपना पंजीकरण कराया है।