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त्रावणकोर देवस्थानम बोर्ड ने केरल सरकार के दबाव में आकर नहीं बदला सबरीमाला पर रूख

sabrimala त्रावणकोर देवस्थानम बोर्ड ने केरल सरकार के दबाव में आकर नहीं बदला सबरीमाला पर रूख

तिरुवनंतपुरम। त्रावणकोर देवस्थानम बोर्ड ने सबरीमाला के अयप्पा मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर उच्चतम न्यायालय में अपना रुख बदलने पर स्पष्टीकरण दिया है। बोर्ड ने कहा कि उसने यह फैसला राज्य सरकार के दबाव में आकर नहीं लिया। सबरीमाला मंदिर का संचालन करने वाले बोर्ड ने बुधवार इस मुद्दे पर अपना रुख बदलते हुए उच्चतम न्यायालय के 28 सितंबर को दिए गए आदेश का समर्थन किया था जिसमें सभी आयुवर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत दी गई थी। बोर्ड ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ को बताया था कि यह उपयुक्त समय है कि ‘शारीरिक अवस्था’ के आधार पर किसी विशेष वर्ग के साथ भेदभाव नहीं किया जाए।

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बता दें कि यह पूछे जाने पर कि क्या बोर्ड ने राज्य की सीपीएन के नेतृत्व वाली वाम लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार के दबाव में आकर अपना रुख बदला है, बोर्ड अध्यक्ष ए पदमकुमार ने कहा कि बोर्ड ने पुनर्विचार याचिका नहीं दी थी, लेकिन उसने उच्चतम न्यायालय के 28 सितंबर को दिए आदेश को लागू करने के लिये समय मांगा था। उन्होंने बताया, ‘बोर्ड ने सरकार के रुख के आधार पर यह फैसला नहीं लिया है। हमसे 28 सितंबर का आदेश मानने के बारे में पूछा गया था। हमने कहा कि हमने आदेश को स्वीकार किया है।’ कुमार ने कहा, ‘पूर्जा अर्चना में किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए और हमन यही रुख अपनाया है।’

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