भारत खबर राजेश विद्यार्थी की रिपोर्ट, जम्मू कश्मीर
बारामुला के करीरी क्षे़त्र में मारे गए तीनों आतंकियों में से एक टॉप दस कमांडरों में शामिल आतंकी मारा गया। मारे गए आतंकियों में एक पाक नागरिक और दो स्थानीय हैं। क्षे़त्र में आपरेशन जारी है।
पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने पत्रकार वार्ता में बताया सुबह करीरी में लश्कर ए तोईबा के तीन आतंकियों ने पुलिस और सीआरपीएफ की नाका पार्टी पर हमला कर दिया। इस हमलें मे पुलिस एसपीओ मुज्जफर हुसैन शहीद हो गया। आतंकियों की ताबडतोड़ गोलियों ने सीआरपीएफ के दो जवान भी शहीद हो गए। आतंकी हमला लश्कर ए तोईबा के एरिया कमांडर सज्जाद हैदर और उसके दो साथियों ने किया। बाग की आड़ लेकर आतंकी भाग गए। लेकिन सुरक्षा बलों ने तीनों को घेर लिया। करीब पांच घंटे तक चली मुठभेड़ में तीनों आतंकियों को मार गिराया। सज्जाद अहमद के खिलाफ कई मामले पुलिस में दर्ज हैं। खुंखार आतंकी वुरहानी वानी के मारे जाने के बाद सज्जाद को कमांडर बनाया गया था। उसका भी काम नागरिकों और सुरक्षा बलों को निशाना बनाना था। बारामुुला से ही उसने करीब 20 आतंकियों को भर्ती करवाया था। उसमें से कई युवाओं को पुलिस ने दोबारा मुुख्यधारा में शामिल कर लिया और कुछ पकड़ गए। सज्जाद के एक हयात उल्लाह भी इस मुठभेड़ में मारा गया है। जबकि तीसरा आतंकी पाकिस्तानी लगता है। फिलहाल उसकी पहचान की जा रही है।
पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह का कहना है कि सज्जाद ने शौपियां में सीआरपीएफ की टुकड़ी पर भी हमला किया था। जिमें एक जवान शहीद हो गया था और चार अन्य घायल हो गए थे। सितंबर महीने मेें भी एक नागरिक को मार गिराया था। इसके अलावा जुलाई महीने में वसीम अहमद वारी, उसके पिता और भाई को मारने में भी सज्जाद का हाथ है। पिछले साल अगस्त में धारा 370 टूटने के बाद ही उसने वारी व उसके परिवार हमला किया था। एक नागरिक शफी आदिल को भी उसने गोली मार दी। एक सितंबर को एमए राथर को भी गोली मारी। उसने आम लोगों में दहशत फैला रखी थी। लोगों को दुकाने नहीं खोलने और जान से मारने की धमकी दिया करता था।
हीरो बनना चाहता था सज्जाद
जम्मू। पुलिस को पहले ही सूचना थी कि शौपियां में हमला करने के बाद आतंकी अन्य किसी बड़ी वरदात को अंजाम देने वाले हैं। सुरक्षा बलों ने पहले से ही चैकसी बढ़ाई हुई थी। सुबह जैसे ही नाका से पुलिस और सीआरपीएफ के जवान कासो के लिए निकले। नाके पर कम संख्या में जवानों को देखकर आतंकियों ने हमला कर दिया। तीनों आतंकियों में से सज्जद सबसे अधिक वारदातों को अंजाम दे चुका है। वह भी वुरहान वानी की तरह हीरो बनना चाह रहा था। पुलिस ने मौके पर कार्रवई करके जिसके ही चार घंटों में आतंकियों को ट्रेस कर लिया गया और उन्हें मार दिया गया। युवा वर्ग में अपनी पैठ बनाकर उन्हें आतंकी बनना और हथियारों की ट्रेनिंग देने के भी सज्जाद काम किया करता था।
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सीमा पार से लेता था हमलों का आदेश
जम्मू। पुलिस महानिदेशक ने कहा सीमा पार से लगातार घुसपैठ की कोशिशें जारी है। सज्जाद भी सीमा पार से अपने आकांओं से आदेश लेता था। अब कुछ समय से वह अपने तरीके से ही वारदातों को अंजाम दे रहा था। पाक आतंकी भी उसके साथ शामिल था। पिछले कुछ समय से आतंकियों ने अचानक हमले तेज कर दिए है। यह उनकी बौखलाहट का नजीता है कि वह हममले बढ़ा रहे हैं। आतंकियों के हथियारों, आतंकी कमी और रूपया भी कम होने के कारण हमले करके अपनी उपस्थ्ज्ञिति दर्ज करा रहे हैं और नागरिकों पर हमला करके उन्हें रा रहे हैं। सुरक्षा बलों पर भी हमले तेज हुए हैं। उन्होंने इस बात से इंकार किया कि नौगाम में हुए हमले के पीछे भी सज्जाद गुट का हाथ था।